छत्तीसगढ़

अरुण जेटली स्टेडियम में पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष के नाम स्टैंड बनाने पर मची रार, DDCA की बैठक में हुई बहस

नई दिल्ली। नई दिल्ली राजधानी के अरुण जेटली स्टेडियम में पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष सीके खन्ना के नाम का स्टैंड बनाने को लेकर रार मची हुई है। दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) की शीर्ष परिषद की बैठक में बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष और डीडीसीए के उपाध्यक्ष रहे सीके खन्ना के नाम का स्टैंड बनाने का प्रस्ताव रखा गया।

लेकिन वर्तमान संयुक्त सचिव राजन मनचंदा और निदेशक अशोक शर्मा ने उसके विरुद्ध मोर्चा ही खोल दिया। बैठक में भाग लेने वाले एक निदेशक ने कहा कि निदेशक प्रदीप अग्रवाल को छोड़कर उस बैठक में शीर्ष परिषद के सभी सदस्य थे।

कुछ लोग डीडीसीए परिसर में मौजूद थे तो कुछ आनलाइन जुड़े थे। इसमें जब प्रस्ताव रखा गया तो मनचंदा ने कहा कि यहां स्टैंड सिर्फ क्रिकेटर का होना चाहिए। किसी पूर्व पदाधिकारी का स्टैंड नहीं होना चाहिए। अगर ऐसा होगा तो फिर डीडीसीए के पूर्व पदाधिकारियों सुनील देव व स्नेह बंसल के नाम पर स्टैंड बनना चाहिए।

वहीं एक और निदेशक श्याम शर्मा ने कहा कि वीरेंद्र सहवाग के नाम पर सिर्फ गेट है। उनका अरुण जेटली स्टेडियम में स्टैंड बनना चाहिए। अगर स्टैंड बनना हैतो भारत के लिए खेल चुके दिल्ली के खिलाड़ी इशांत शर्मा, शिखर धवन, आशीष नेहरा और रिषभ पंत के नाम पर बने।

वहीं एक और निदेशक अशोक शर्मा उर्फ मामा तो विरोध में कुछ ज्यादा ही बोल गए। पूर्व क्रिकेटर और डीडीसीए के पूर्व उपाध्यक्ष चेतन चौहान की मृत्यु को दो साल बीत चुके हैं लेकिन अब तक उनके नाम का स्टैंड नहीं बना। पहले चेतन के नाम का स्टैंड बनेगा। अगर सीके के नाम का स्टैंड बनवाना है तो दो साल का इंतजार करना पड़ेगा। इससे सीके खन्ना की पत्नी और डीडीसीए की उपाध्यक्ष शशि खन्ना भड़क गईं और उन्होंने अशोक शर्मा को आड़े हाथ लिया। उन्होंने पूछा कि आखिर आप कहना क्या चाहते हैं।

खन्ना गुट के निदेशक मंजीत सिंह ने स्टैंड बनाए जाने का पक्ष लिया। डीडीसीए के एक पूर्व पदाधिकारी ने कहा कि ऐसा कहा जा रहा है अध्यक्ष रोहन जेटली स्टैंड के पक्ष में हैं लेकिन सवाल यही है अगर वह पक्ष में हैं तो उन्होंने वीटो क्यों नहीं दिया। क्यों कमेटी बनाकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।