छत्तीसगढ़

ठाकुर विवाद पर लालू यादव ने तोड़ी चुप्पी, बिना नाम लिए आनंद मोहन को दी नसीहत, मनोज झा के लिए कही ये बात

पटना: राज्यसभा सदस्य मनोज झा द्वारा सदन में ओम प्रकाश वाल्मीकि की कविता ठाकुर का कुआं को लेकर हुए विवाद पर गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कहा कि उन्होंने किसी समाज का अपमान नहीं किया है। मनोज विद्वान आदमी हैं। किसी ठाकुर और राजपूत के खिलाफ वह नहीं बोले हैं, जो सज्जन निरीक्षण दे रहे हैं, उन्हें इनसब चीजों से परहेज करना चाहिए। लालू ने कहा कि मनोज ने जो कहा है, सही कहा है।

वहीं, उन्‍होंने बिना नाम लि‍ए पूर्व सांसद आनंद मोहन को नसीहत दी। मालूम हो कि बुधवार को आनंद माेहन ने कहा था कि वे यदि उस समय सदन में होते तो मनाेज झा की जुबान खींचकर सदन में उछाल देते। पत्रकारों ने आनंद मोहन व उनके बेटे के बयान को लेकर सवाल किया था।

लालू श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र में आयोजित किताब उत्सव में शिवानंद तिवारी की पुस्तक ‘सड़क से संसद तक’ का विमोचन करने पहुंचे थे। इसके पहले पुस्तक का लालू प्रसाद, शिवानंद तिवारी, भोला यादव, राजकमल प्रकाशन के अध्यक्ष अशोक महेश्वरी और पुस्तक के संपादक कुमार मुकुल ने विमोचन किया।इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री जय प्रकाश नारायण यादव भी मौजूद रहे। इस अवसर पर लालू ने कहा कि देश बदल रहा है। सांप्रदायिक ताकतों का बोलबाला हो गया है। भारत के संविधान को बदलने का प्रयास किया जा रहा है।

शिवानंद पर बोलते हुए राजद सुप्रीमो ने मजाकिया लहजे में कहा कि विमोचन करने का न्योता मिला तो आश्चर्य हुआ कि ये किताब भी लिखते हैं।लालू ने कहा कि शिवानंद निर्भीक और बेबाक होकर बात रखने के लिए जाने जाते हैं। किसी से दबते नहीं हैं। पढ़ने-लिखने के साथ देश के मौजूदा हालात पर नजर रखते हैं। सामाजिक न्याय इनकी बुनियाद में है। मैं किताब पढ़ूंगा, इससे सभी को लाभ होगा।

शिवानंद तिवारी ने कहा कि अब संसद पर्यटकों का अड्डा बन गया है। नए ससंद भवन में प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि यह नए भारत का सृजन करेंगे। रमेश बिधूड़ी ने जो भाषण दिया था, वह 1952 से लेकर अबतक किसी ने नहीं दिया होगा।रमेश के बयान पर अबतक पीएम ने उन्हें फटकार नहीं लगाई। प्रधानमंत्री ने भी खेद व्यक्त नहीं किया। उन्होंने कि हिंदुस्तान में नफरत का वातावरण फैलाया जा रहा है।

आईएनडीआईए द्वारा टीवी न्‍यूज एंकरों के बहिष्कार करने पर शिवानंद ने कहा कि ये लोग कम्युनिज्म (साम्यवाद) का फैलाव करते हैं। देश में कॉरपोरेट और कम्युनिज्म के बीच रिश्ता बन गया है।लालू तो जिंदगी भर कम्युनिज्म के खिलाफ लड़े। 2014 में नीतीश ने मुझे निकाल दिया तो सरयू राय ने अरुण जेटली के कहने पर मुझे फोन किया और कहा कि आप भाजपा से चुनाव लड़ना चाहेंगे? शिवानंद ने कहा उस वक्त मुझे लगा कि अगर मेरे दिमाग में भी यह बात आई तो मैं अपनी नजर में गिर जाऊंगा।