नईदिल्ली : नाबालिक से दुष्कर्म के एक मामले में केरल हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है. पीड़िता से शादी कर लेने के बाद कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ चल रहे आपराधिक मामले को खत्म कर दिया है. इस सप्ताह की शुरुआत में मामला रद्द किया गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक हाईकोर्ट ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा के अधिनियम प्रोटेक्शन फॉर चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस (पोक्सो) के तहत यौन उत्पीड़न और बलात्कार के आरोपी व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही इस आधार पर रद्द कर दी कि आरोपी और पीड़िता अब शादीशुदा हैं.
न्यायमूर्ति पी गोपीनाथ की पीठ ने 25 सितंबर को अपने आदेश में कहा, “आरोपी और पीड़िता अब पति-पत्नी के रूप में एक साथ रह रहे हैं. इसलिए, मामला जारी रखने से कोई मतलब नजर नहीं आता है.”
क्या था आरोप?
आरोपी के खिलाफ धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला) और धारा 376 (दुष्कर्म) के तहत क्रिमिनल केस दायर किया गया था. इसके साथ पोक्सो एक्ट की धारा 7 और 8 भी लगाई गई थी. हाईकोर्ट के आदेश से पहले, मामला कोल्लम जिले के पुनालुर में फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (पोक्सो एक्ट) में लंबित था.
क्या है मामला?
2019 में आरोपी व्यक्ति पर कार में ले जाने के दौरान पीड़िता को गलत तरीके से छूने और बाद में कई बार दुष्कर्म के आरोप लगे थे. हालांकि पीड़िता बाद में व्यस्क हो जाने के बाद भी दुष्कर्म के आरोप आरोपी पर लगे. मामला दर्ज होने के बाद इसी साल जून में दोनों ने शादी की. इसके बाद व्यक्ति ने अपने खिलाफ दर्ज मुकदमे को खत्म करने के लिए हाई कोर्ट का रुख किया था.
याचिकाकर्ता के वकील ने हाई कोर्ट को बताया कि आरोपी और पीड़िता ने इस साल जून में शादी कर ली और पति-पत्नी के रूप में साथ रह रहे हैं. सरकारी वकील ने भी इस मामले में कोर्ट के समक्ष हस्तक्षेप नहीं किया. इसके बाद हाई कोर्ट ने दर्ज आपराधिक मुकदमे को खत्म करने का आदेश जारी किया है. हाईकोर्ट ने सीआरपीसी की धारा 482 के तहत निचली अदालत में भी लंबित कार्यवाही को भी रोकने का आदेश दिया.