इस्लामाबाद : पाकिस्तान की राजनीति में इन दिनों खींचतान जारी है। पाकिस्तानी संसदीय समिति ने गुरुवार को एक अहम विधेयक को मंजूरी दी है। दुष्कर्मियों को सार्वजनिक रूप से फांसी देने के लिए सीनेट समिति ने कुछ संशोधनों के साथ एक विधेयक को मंजूर कर दिया है। खास बात यह है कि आंतरिक और विदेश मंत्रालय ने इस प्रस्ताव का विरोध किया था।
शेरी रहमान ने विधेयक के खिलाफ उठाई आवाज
जमात-ए-इस्लामी के सीनेटर मुश्ताक अहमद ने सीनेट में विधेयक पेश किया था। विधेयक पाकिस्तान दंड संहिता (पीपीसी) की धारा 375, 375 (ए), 376 और आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरसीपी) की अनुसूची-II में संशोधन करना चाहता है। पीपीपी सीनेटर शेरी रहमान ने विधेयक के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने कहा कि कई सभ्य समाज ने सजा के रूप में मृत्युदंड को खत्म कर दिया है। रहमान ने जनरल जियाउल हक के शासन का हवाला दिया। उन्होंने तर्क दिया कि सार्वजनिक फांसी निवारक के रूप में काम नहीं करेगी। बल्कि हाशिये पर रहने वाले लोगों के बीच यह सामाजिक हिंसा को बढ़ा सकती है।
अन्य विधेयकों पर भी की गई चर्चा
सीनेटर मुमताज जहरी ने आपराधिक कानून (संशोधन) विधेयक- 2023 का समर्थन किया। संसद सत्र के दौरान, अन्य विधेयकों पर भी चर्चा की गई। इनमें से एक विधेयक को न्यायिक स्थिति के कारण अस्थायी रूप से खारिज कर दिया। वहीं, दूसरे विधेयक को पूरी तरह से खारिज कर दिया गया। संसदीय समिति ने शहरी क्षेत्रों में वर्षा जल संचयन सुविधा, विधेयक-2023 को भी मंजूरी दी। इस विधेयक का उद्देश्य बारिश के पानी का इस्तेमाल करना है। इसके अलावा, सीनेटर इरफान सिद्दीकी ने लगभग 15 महीनों से लंबित एक बिल पर भी चिंता जताई। सिद्दीकी ने अधिकारियों से मामले में एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने का अनुरोध किया है। बैठक में सरकारी प्रतिनिधियों के अलावा, सैफुल्लाह अब्रो, समीना मुमताज जहरी और शेरी रहमान भी उपस्थित थे।
सत्र के दौरान, रानीपुर में एक नौ वर्षीय लड़की की मौत हो गई थी, जिस पर दुख जताया गया। अधिकारियों ने बाल घरेलू श्रम के खिलाफ सिंध बाल निषेध रोजगार अधिनियम में संशोधन की जरूरतों को साझा किया। बता दें, नौ वर्षीय किशोरी को घर में नौकरानी के रूप में नियुक्त किया गया था, जिसके साथ बाद में दुष्कर्म किया गया।