रायपुर। फर्जी पैनकार्ड और आधार के जरिए फर्जी कंपनी बनाने के कई मामले सामने आए है। इनकी शिकायत इन दिनों साइबर थाने सहित विधानसभा थाने में की गई है। बताया जा रहा है कि पीड़ितों को भी उनके नाम से फर्जी कंपनी बनने की जानकारी तब हो रही है, जब जीएसटी विभाग से उन्हें नोटिस मिल रहा है। पुलिस के साथ ही इस तरह के मामले जीएसटी विभाग में भी दर्ज है। जीएसटी अधिकारियों द्वारा जब ऐसे फर्जी फमों की जांच के लिए जाया जाता है तो उन स्थानों में कोई ऐसी कंपनी नहीं मिलती, ऐसे फर्जी फर्म केवल कागजों में ही संचालित होते रहे है। जीएसटी विभाग द्वारा ऐसे फर्जी संस्थानों की जांच के साथ ही उन्हें नोटिस भी भेजा जा रहा है।
डाक्टर के साथ हुआ ऐसा मामला
बताया जा रहा है कि पिछले दिनों एक डाक्टर के साथ भी ऐसा ही मामला हुआ है, जिसमें फर्जी पैनकार्ड और आधार के जरिए उसके नाम से फर्जी कंपनी बना ली गई और करोड़ो रुपये का आइटीसी का लाभ लिया गया। इसकी शिकायत थाने में भी की गई है।
1.25 लाख फर्जी कंपनियों की जांच दिसंबर तक चलेगी
जीएसटी अधिकारियों का कहना है कि फर्जी कंपनी बनाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लेने वाले कंपनियों के खिलाफ जीएसटी द्वारा देशभर में अभियान चलाया गया है। 16 मई से 15 जुलाई तक यह विशेष अभियान जारी रहा। बताया जा रहा है कि इस तरह से गलत तरीके के इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लेने लगभग 1.25 लाख फर्जी कंपनियों के खिलाफ दिसंबर अंत तक जांच चलती रहेगी। इस जांच में यह भी देखा जा रहा है कि आखिर किन्हें फर्जी आइटीसी की सप्लाइ की गई है और यह सिलसिला कब से चलता रहा। जीएसटी अधिकारियों का कहना है कि जीएसटी चोरों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।
विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भी जांच शुरू
इन दिनों जीएसटी विभाग द्वारा विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भी जांच शुरू कर दी गई है,इसके लिए तीन अलग-अलग टीमें भी बनाई गई है। कुछ दिन पहले ही रावाभांटा व भनपुरी में गोडाउनों की जांच की गई और वहां से करोड़ों का माल भी जब्त किया गया। ट्रांसपोर्टरों पर नजर रखी जा रही है कि, उनके द्वारा किस प्रकार के माल लाए जा रहे है और कहां पहुंचाए जा रहे है। उनके पास ई-वे बिल व अन्य आवश्यक दस्तावेज है या नहीं।
मामले की जांच की जा रही
विधानसभा थाना टीआइ दीपक पासवान का कहना है कि इस मामले की शिकायत की गई है और मामले की जांच की जा रही है। फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड के आधार पर जीएसटी नंबर लेने की आशंका है। प्रार्थी द्वारा प्राप्त आवेदन और दस्तावेज की पूरी जांच पुलिस कर रही है। जांच के बाद मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।