नई दिल्ली। भारत ने 14 जुलाई 2023 को दोपहर दो बजकर 35 मिनट पर अपना तीसरा चंद्रयान मिशन लॉन्च किया। इस मिशन पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई थी। इसके बाद 23 अगस्त को शाम छह बजकर पांच मिनट पर चंद्रयान-3 ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रच दिया।
भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बना, जिसने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैडिंग की है। चंद्रयान-3 की इस सफलता पर कई देशों ने भारत को बधाई दी थी।
तीन सितंबर से गहरी नींद में प्रज्ञान
चंद्रयान-3 मिशन के जरिए लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान ने चांद की सतह पर लैंड किया। रोवर प्रज्ञान ने 10 दिनों तक अपने काम को बखूबी अंजाम दिया। इसके बाद वह तीन सितंबर को गहरी नींद में सो गया। रोवर प्रज्ञान ने इन 10 दिनों के दौरान कई महत्वपूर्ण डेटा को इसरो के पास भेजा। हालांकि. इसके बाद से अभी तक वह नींद से जागा नहीं, यानी कि उससे इसरो का संपर्क नहीं हो पाया। इससे लोगों के मन में यह सवाल उठने लगे कि क्या भारत का चंद्रयान-3 मिशन अब खत्म हो गया है।
इसरो को उम्मीद, नींद से जागेगा प्रज्ञान
हालांकि, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को उम्मीद है कि रोवर नींद से जागेगा और फिर से अपने काम में जुट जाएगा। इसरो ने 22 सितंबर को अपने एक ट्वीट में कहा, चंद्रयान-3 मिशन: विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के साथ संचार स्थापित करने के प्रयास किए गए हैं, ताकि उनकी जागने की स्थिति का पता लगाया जा सके। फिलहाल उनकी ओर से कोई संकेत नहीं मिले हैं। संपर्क स्थापित करने के प्रयास जारी रहेंगे।
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने क्या कहा?
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने 28 सितंबर को गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि प्रज्ञान रोवर अगर नींद से नहीं जागता है तो भी कोई समस्या नहीं होगी। उसने वह काम कर दिया है, जो उससे हम लोगों ने उम्मीद की थी।