नूंह। फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस विधायक मामन को मंगलवार को कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई। कांग्रेस विधायक को नूंह हिंसा से जुड़े मामले में कोर्ट से जमानत मिल गई। वहीं, एसआईटी की ओर से डीएसपी सतीश वत्स ने दलील देते हुए कहा कि आरोपित विधायक मामन खान को जमानत नहीं दी जाए।
SIT ने किया जमानत का विरोध
उन्होंने कहा कि आरोपित के मोबाइल तथा लैपटाप की साइबर सेल की रिपोर्ट एक सप्ताह के अंदर आनी जिससे यह सिद्ध हो जाएगा कि विधायक ने हिंसा में शामिल आरोपितों को उकसाया है और लगातार वह उनके संपर्क में रहे हैं।
दलील सुनने के बाद अदालत ने मामन खान को 18 अक्टूबर तक के लिए अंतरिम जमानत यह शर्त लगाते हुए दी कि वह जांच में पूरा सहयोग करेंगे। एसआईटी जो तकनीकी साक्ष्य पेश करेगी, उसके आधार पर अदालत अगली सुनवाई में यह तय करेगी कि जमानत नियमित की जाए या रद्द कर दी जाए।
रात आठ बजे से जेल से आएंगे बाहर
शांति व्यवस्था को देखते हुए रात आठ बजे मामन खान जेल से बाहर आएंगे। मामन खान पर दर्ज चार एफआईआर में उन्हें दो मामले में पहले ही जमानत मिल गई। चारों मामले में विधायक पर 31 जुलाई को हुई नूंह के बड़कली चौक पर हुई हिंसा में शामिल रहे आरोपितों को उकसाने के आरोप हैं।
राजनीतिक दबाव में बनाया गया आरोपी
बता दें कि फिरोजपुर झिरका विधानसभा क्षेत्र से विधायक मामन खान के अधिवक्ता ताहिर हुसैन देवला की ओर से शनिवार जिला अदालत में बहस के दौरान दलील दी थी। नूंह हिंसा से मामन का कोई संबंध नहीं है। पुलिस ने राजनीतिक दबाव में उन्हें चार मामलों में आरोपी बना दिया।