छत्तीसगढ़

सिक्किम के सिंगतम में बादल फटने के बाद फ्लैश फ्लड, सेना के 23 जवान अभी भी लापता, 5 लोगों की मौत

नई दिल्ली : सिक्किम के ल्होनक झील के ऊपर अचानक बादल फटने से तीस्ता नदी में भीषण बाढ़ आ गई है। इस बाढ़ में सेना के 23 जवान लापता हो गए हैं। हालांकि, केंद्रीय जल आयोग ने बताया कि तीस्ता नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है।

खतरे के निशान से नीचे तीस्ता नदी का जलस्तर

केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के अनुसार, तीस्ता नदी का जलस्तर बुधवार दोपहर एक बजे तक खतरे के निशान से नीचे था। अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार देर रात बादल फटने से तीस्ता नदी में भीषण बाढ़ आ गई। पांच लोगों की मौत हो गई और सेना के 23 जवान भी लापता हो गए।

गंगटोक के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट महेंद्र छेत्री ने बताया कि गोलिटार और सिंगतम से पांच लोगों के शव बरामद किए गए हैं। इसके अलावा गोलिटार से तीन लोगों को बचाया गया है।

4 हजार लोगों को बचाया गया

पाक्योंग के जिला मजिस्ट्रेट ताशी चोपेल ने बताया कि अचानक आई बाढ़ से बहुत सारी इमारतों और वाहनों को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि इस बाढ़ में जानमाल के नुकसान की भी खबरें सामने आई हैं। 20 लोगों के लापता होने का पता चला है, लेकिन ऐसी खबरें भी सामने आई है। जिसमें कहा जा रहा है कि सेना के 23 जवान लापता हैं। बाढ़ के बाद से करीब चार हजार लोगों को निकाला गया है। साथ ही जिले में 5 राहत शिविर भी खोले गए हैं।

विंग कमांडर हिमांशु तिवारी ने बताया कि सेना के 23 जवान अभी भी लापता हैं और 41 वाहन कीचड़ में फंस गए हैं। सिक्किम में लाचेन घाटी में अचानक आई बाढ़ के बाद राहत और बचाव कार्य जारी है।

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने सिक्किम के सिंगतम में बादल फटने से आई बाढ़ के बाद 7 लोगों को बचाया है। एनडीआरएफ ने बताया कि एक टीम गंगटोक में और दो टीमें पश्चिम बंगाल, सिक्किम के आसपास के इलाकों में तैनात की गई हैं।

सिक्किम में बादल फटने से आई तबाही के बाद तीस्ता नदी का जलस्तर खतरे के नीचे है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, मेल्ली, सिंगतम और रोहतक में तीस्ता का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है।हालांकि, खतरा अभी भी बरकरार है। मेल्ली में तीस्ता नदी का जलस्तर 214.63 मीटर दर्ज किया गया है, जबकि खतरे का स्तर 224 मीटर है।

केंद्रीय जल आयोग ने बताया कि मेल्ली के आसपास बाढ़ की कोई स्थिति नहीं है। सिंगतम में वर्तमान जल स्तर 351.31 मीटर है, जबकि यहां खतरे का स्तर 355.09 मीटर है।