नई दिल्ली। जाति जनगणना को लेकर देश में सियासत तेज हो चुकी है। बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट आने के बाद कई राज्यों में इसको लेकर मांग उठने लगी है। शनिवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अब राजस्थान में जातीय सर्वे करवाने की बात कही है।सीएम गहलोत ने कहा कि हम सर्वे करवाएंगे। इसके आदेश जल्द हो जाएंगे। गहलोत ने कहा कि सर्वे होगा, क्योंकि जनगणना तो केंद्र सरकार करवा सकती है। परिवारों का सर्वे होगा, जिससे आर्थिक स्थिति के बारे में पता चल जाएगा। यह कांग्रेस का वादा है कि हम इसको आगे बढ़ाएंगे।
वहीं, कांग्रेस ने रविवार को जाति जनगणना के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया। कांग्रेस ने ये भी सवाल उठाया कि आखिर भाजपा शासित राज्य जाति जनगणना कराने से क्यों कतरा रही है।
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “राहुल गांधी ने उनकी बातों को बहुत गंभीरता से लिया। अब राजस्थान सरकार ने उनकी भावनाओं के अनुरूप जाति आधारित सर्वेक्षण कराने का फैसला किया है। यह एक स्वागत योग्य कदम है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए नीतियां बनाना। सामाजिक न्याय सुनिश्चित करना और लोगों को उनकी आबादी के अनुसार अधिकार देना भी बहुत महत्वपूर्ण है।”
जयराम रमेश ने आगे कहा,”जाति जनगणना के जरिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए नीतियां बनाने में मदद मिलेगी।” जाति सर्वेक्षण पर राजस्थान सरकार के आदेश को साझा करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि सामाजिक न्याय सुनिश्चित करना और लोगों को उनकी आबादी के अनुसार अधिकार देना भी बहुत महत्वपूर्ण है।
बता दें कि कांग्रेस देश भर में जाति जनगणना पर जोर दे रही है और इसे चुनावी मुद्दा बना रही है। बिहार के बाद जाति सर्वेक्षण कराने वाला राजस्थान देश का दूसरा राज्य होगा। राजस्थान में विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में होने हैं और चुनाव कार्यक्रम की घोषणा जल्द ही होने की उम्मीद है। राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना विपक्षी गुट आई.एन.डी.आई.ए. का एक प्रमुख एजेंडा है।