छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : छत्तीसगढ़ी फिल्मों के स्टार अनुज शर्मा को भी मिला मौका, इस सीट से ठोकेंगे ताल

नईदिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के मदद्देनजर सोमवार को 64 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है। भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को राजनांदगांव से उम्मीदवार बनाया है। इस सूची में तीन सांसदों को टिकट दिया गया है, जबकि दो पूर्व आईएएस और नौ महिलाएं भी शामिल हैं। इसी सूची में भाजपा ने रायपुर की धरसीवा सीट से छत्तीसगढ़ी सिनेमा के फेमस स्टार अनुज शर्मा पर दांव खेला है। हाल ही में वह भाजपा में शामिल हुए थे। उन्होंने साक्षात्कार में कहा था कि वह बचपन से ही भाजपा की विचारधारा और उसकी रीति-नीति से प्रभावित रहे हैं। आइए आपको बताते हैं उनसे जुड़ी कुछ बातें।

..तो अभिनेता बनना नहीं थी पहली पसंद
अभिनेता से पहले क्या बनना चाहते थे के सवाल पर बताया था कि वह फौज में जाना चाहता थे। डिफेंस सर्विस में जाने की तैयारी थी। उन्होंने 8 साल तक स्काउटिंग की। राष्ट्रपति अवॉर्ड पाया। कॉलेज के दिनों में एनसीसी कैडेट हुआ करते थे। एयर विग से एनसीसी में सी सर्टिफिकेट हासिल किया। दुर्भाग्य से परीक्षा पास नहीं कर पाए। डिग्री की जगह मार्कशीट ले गए था। इसमें पास नहीं हो पाए, तो फि फैसला किया कि उन्हें कला के क्षेत्र में जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामकाज से काफी प्रभावित
पीएम नरेंद्र मोदी के कामकाज को लेकर बताया था कि मोदी के पीएम बनने के बाद पूरी दुनिया उनकी ताकत को मानने लगी है। देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है। लंबे अंतराल के बाद एक देश को पॉवरफुल प्रधानमंत्री मिला। वहीं सीएम भूपेश बघेल की सरकार के कामकाज को लेकर तंज कसते हुए कहा था कि प्रदेश सरकार के कामकाज को लेकर क्या कहना। रोज अखबारों में छप रहा है। शराब घोटाले, कोयला घाटाला हो रहा है। 

ऐसे मिला फिल्मों में काम करने का मौका
छत्तीसगढ़ी फिल्मों में ब्रेक मिलने के सवाल पर अनुज ने बताया था कि कॉलेज के दिनों में पढ़ने के दौरान थोड़ा नाम था। उस दौरान उन्हें निर्माता ने काम करने का मौका दिया और यहीं से फिल्मी सफर शुरू हुआ। 

बलौदाबाजार-भाटापारा से उम्मीदवार बनाने की थीं अटकलें
बता दें कि अनुज शर्मा भाटापारा के मूल निवासी हैं। अटकलें थीं कि अनुज को भाटापारा विधानसभा से ही भाजपा अपना उम्मीदवार बनाएगी। हाल के दिनों में अनुज शर्मा की बलौदाबाजार-भाटापारा में राजनीतिक सक्रियता भी बढ़ाई। इसके पीछे की वजह विधानसभा चुनाव को माना जा रहा था, लिस्ट में नाम होने से इस बात पर मुहर लग गई।