छत्तीसगढ़

राज्यसभा से निलंबन के खिलाफ आप नेता राघव चड्ढा ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, इस मामले में हुए थे सस्पेंड

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था, जिसे लेकर राघव ने सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे खटखटाए हैं। राघव चड्ढा को 11 अगस्त को राज्यसभा से निलंबित किया गया था। बता दें कि राघव चड्ढा के खिलाफ चार सांसदों ने विशेषाधिकार के उल्लंघन को लेकर शिकायत की थी, जिसके बाद उन्हें राज्यसभा से निलंबित किया गया था।

इससे पहले आम आदमी पार्टी से सांसद संजय सिंह को भी राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था. संजय सिंह के निलंबन को और आगे बढ़ा दिया गया है. सत्र के दौरान पांच सांसदों ने दावा किया था दिल्ली सेवा विधेयक को उनकी सहमति के बिना सेलेक्ट कमेटी को भेजने के प्रस्ताव पर उनके नाम का उल्लेख किया गया था.

यह प्रस्ताव आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा की ओर से पेश किया था. प्रस्ताव पर नाम का विरोध करने वाले सांसदों में तीन बीजेपी सांसद है, एक बीजद और एक अन्नाद्रमुक सांसद शामिल हैं. जिस समय संसद में यह मामला सामने आया था उस समय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी जांच की मांग की थी.

निलंबन के फैसले पर राघव ने उठाया था सवाल

राज्यसभा से निलंबित किए जाने के बाद राघव चड्ढा ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि उनकी गलती केवल इतनी है कि उन्होंने देश की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी के नेताओं से सदन में खड़े होकर सवाल पूछा था. उन्होंने कहा था कि क्या दिल्ली सेवा बिल पर सवाल पूछना क्या अपराध है?

‘सदन में विपक्ष को बोलने नहीं दिया जाता’

राघव चड्ढा ने आरोप लगाया था कि सदन में विपक्ष को बोलने नहीं दिया गया. सदन में विपक्ष के नेता जब बोलने उठे तो उनका माइक बंद कर दिया गया. उन्होंने कहा कि विशेषाधिकार समिति के सामने मैं अपनी बात रखूंगा. ऐसा पहली बार नहीं है जब विपक्षी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई है.