नईदिल्ली : । भारत और पाकिस्तान के बीच बहुप्रतीक्षित मैच अब होने को है। दोनों टीमें इस मैच में समान अंक के साथ उतरेंगी, लेकिन मेजबान टीम का मनोबल पाकिस्तान की तुलना में अधिक बढ़ा होगा। इसका कारण यह है कि भारत का विश्व कप में चिर प्रतिद्वंद्वी टीम के विरुद्ध रिकार्ड बेहतर है तथा उन्हें घरेलू मैदान पर खेलने का फायदा होगा।
इसके अलावा भारतीय टीम ने जिस तरह अपने शुरुआती दो मैच जीते हैं, उससे भी भारत का आत्मविश्वास मजबूत होगा। टीम ने वास्तव में आलराउंड प्रदर्शन किया जिसमें गेंदबाजों ने विपक्षी टीम को कम स्कोर पर रोकने के लिए बेहतर गेंदबाजी की, जबकि बल्लेबाजों ने आस्ट्रेलिया के विरुद्ध संयम से तथा अफगानिस्तान के विरुद्ध शानदार बल्लेबाजी की।
फील्डिंग का स्तर हुआ सही
टूर्नामेंट से पहले फील्डिंग चिंता का विषय थी, लेकिन यह भी अब शीर्ष स्तर की रही। इसलिए यह प्रदर्शन उच्च गुणवत्ता वाला है। बुमराह का वापसी करना भारतीय टीम के लिए फायदेमंद रहा। अब आपके पास ऐसा गेंदबाज है जो शुरू में, मध्य में और पारी के अंत में भी विकेट दिला सकता है। कुलदीप और जडेजा भी बेहतरीन हैं और पांड्या महत्वपूर्ण समय में विकेट लेते हैं।
रोहित और विराट फॉर्म में
बल्लेबाजी में कप्तान रोहित ने शानदार शतक जड़ा और कोहली ने भी अपनी फार्म बरकरार रखी। राहुल फिर उसी आक्रामक बल्लेबाज के रूप में लौट आए जैसे वह अपने करियर के शुरुआत में थे। किसी भी लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम विचलित नहीं होगी। दूसरी ओर, पाकिस्तान को ओपनर बल्लेबाजों और गेंदबाजों से दिक्कत हो रही है।
पाकिस्तान का प्रदर्शन परेशान करने वाला
इस महत्वपूर्ण मैच में अब्दुल्लाह शफीक के साथ कौन बल्लेबाजी की शुरुआत करेगा? कब शाहीन अफरीदी और हारिस रऊफ अपनी फार्म प्राप्त करेंगे और स्पिनर कितने रन लुटाएंगे। ये ऐसे कुछ परेशान करने वाले सवाल हैं जो बाबर आजम के लिए सिरदर्द बन रहे हैं। बल्ले के साथ उनकी फार्म चिंता का विषय नहीं होगी, क्योंकि रिजवान ने शानदार बल्लेबाजी की है और सऊद शकील भी अच्छी लय में हैं।
हार और जीत के बीच पैदा करता है अंतर
इससे बाबर पर दबाव कम होगा और वह फार्म में वापस लौटने के लिए खुद को समय दे सकेंगे जिसकी उनसे आशा की जाती है। पाकिस्तान को फील्डिंग में भी सुधार करना होगा क्योंकि इस तरह के बड़े टूर्नामेंट में फील्डिंग ही खेल में हार और जीत के बीच अंतर पैदा करती है।