नईदिल्ली : पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की चर्चित सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. एक मशहूर कारोबारी से कथित तौर पर घूस और महंगे उपहार लेकर संसद में अडानी के खिलाफ सवाल पूछने और उससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह को जोड़ने के संगीन आरोपों की जांच संसद की एथिक्स कमेटी ने शुरू कर दी है.
इस मामले में लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराने वाले झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे को भी बयान देने के लिए बुलाया गया है.
26 अक्टूबर को रिकॉर्ड होगा बयान
मिली जानकारी के मुताबिक, आगामी 26 अक्टूबर को दुबे को प्रिविलेज कमेटी के सामने पेश होकर अपना स्टेटमेंट रिकॉर्ड करने के लिए बुलाया गया है. इसके साथ ही सीबीआई के निदेशक को पत्र लिखकर इस मामले में जांच की मांग करने वाले सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील जय अनंत देहादराई को भी स्टेटमेंट रिकॉर्ड करने के लिए उसी दिन बुलाया गया है. लोकसभा की एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष बीजेपी सांसद विनोद कुमार सोनकर हैं.
क्या है मामला?
बीजेपी सांसद ने 15 अक्टूबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के लिए एक उद्योगपति से रिश्वत लेने का आरोप लगाया था. इसके जरिए उन्होंने दावा किया था कि अडानी समूह के प्रतिद्वंद्वी उद्योगपति से घूस लेकर महुआ ने संसद में उनके द्वारा मुहैया कराए गए सवाल (अदानी के खिलाफ) पूछे और उससे पीएम मोदी और गृहमंत्री को जोड़कर संसदीय रीति का घोर उल्लंघन किया है.
बीजेपी सांसद ने आरोप लगाया है कि लोकसभा में उनके (मोइत्रा) पूछे गए 61 में से 50 सवाल अडानी समूह पर केंद्रित थे. उन्होंने टीएमसी नेता की संसद सदस्यता रद्द करने की मांग की है.
महुआ मोइत्रा की सफाई
इधर टीएमसी सांसद महुआ ने आरोपों को आधारहीन बताया और और लोकसभा अध्यक्ष से इस मामले में जांच समिति गठित करने की मांग खुद भी की. एक दिन पहले मंगलवार (17 अक्टूबर ) को ही महुआ मोइत्रा ने इस मामले में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहादराई को कानूनी नोटिस भी भेजा है.
निशिकांत दुबे के आरोप लगाने से पहले अधिवक्ता अनंत ने ही सीबीआई के निदेशक को पत्र लिखकर इस मामले में सबूत सौंपे हैं और महुआ मोइत्रा के खिलाफ जांच शुरू करने की मांग की है.