छत्तीसगढ़

शरद पवार प्रधानमंत्री नहीं हैं, NCP सुप्रीमो की अदाणी से मुलाकात पर राहुल ने क्यों कही यह बात?

नईदिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ताजा बयान के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता शरद पवार और दिग्गज कारोबारी गौतम अदाणी के बीच हुई हालिया मुलाकातों की चर्चा एक बार फिर शुरू हो गई है। बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर अदाणी समूह पर बड़ा हमला किया। इस दौरान जब उनसे सवाल किया गया कि वे शरद पवार से यह सवाल क्यों नहीं पूछते हैं, क्योंकि आईएनडीआईए गठबंधन के विरोध के बाद भी उन्होंने अदाणी से मुलाकात की थी। इस सवाल का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने अब तक शरद पवार से कोई सवाल नहीं किया है क्योंकि शरद पवार प्रधानमंत्री नहीं हैं और ना ही वे गौतम अदाणी को बचा रहे हैं।

बता दें कि अमेरिका के शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर विपक्ष संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग कर रहा है। विपक्ष की इस मांग के बीच शरद पवार की अदाणी के साथ हाल में हुई बैठकों ने इंडिया गठबंधन में शामिल दलों की भौंहें चढ़ा दी हैं। बुधवार को जब इस संबंध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि शरद पवार भारत के प्रधानमंत्री नहीं हैं। शरद पवार अदाणी की रक्षा नहीं कर रहे। यह काम पीएम मोदी कर रहे हैं और इसीलिए, मैं यह सवाल पीएम नरेंद्र मोदी से पूछता हूं, न कि शरद पवार से। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि अगर शरद पवार भारत के प्रधानमंत्री होते और अगर वह गौतम अदाणी की रक्षा कर रहे होते तो मैं उनसे भी यह सवाल पूछ रहा होता। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।

बता दें कि बीते माह ही शरद पवार ने दिग्गज कारोबारी गौतम अदाणी से मुलाकात की थी। वे अहमदाबाद में स्थित अदाणी के घर और कार्यालय भी गए थे। इतना ही नहीं उन्होंने साणंद के एक गांव में अदाणी की एक फैक्टरी का उद्घाटन भी किया था। शरद पवार ने ट्वीटर पर अपनी और गौतम अदाणी की फैक्टरी का रिबन काटते हुए तस्वीरें शेयर की थीं। बीते छह महीने के भीतर पवार और अदाणी की यह तीसरी मुलाकात थी।

गौरतलब है कि इस साल अप्रैल में अदाणी ने दक्षिण मुंबई में पवार के आवास सिल्वर ओक का दौरा किया था। पवार की अदाणी के साथ उस समय हुई मुलाकात खासी सुर्खियों में रही थी, जब हिंडनबर्ग मामला सामने आने के बाद विपक्ष की तरफ पूरे जोरशोर से संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग उठाई जा रही थी। 

इसके बाद जून में वे फिर से अदाणी फिर से पवार के आवास पर गए थे। बता दें कि पवार और गौतम अदाणी के बीच रिश्ता करीब दो दशक पुराना है। 2015 में प्रकाशित अपनी मराठी आत्मकथा ‘लोक भूलभुलैया सांगती’ में, पवार ने अदाणी की प्रशंसा की थी। अपनी किताब में  उन्होंने अदाणी को सरल, जमीन से जुड़ा हुआ और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में बड़ा बनाने की महत्वाकांक्षा रखने वाला बताया है। दिग्गज नेता ने यह भी लिखा है कि यह उनके आग्रह पर ही था कि अदाणी ने थर्मल पावर सेक्टर में कदम रखा।