चंडीगढ़ : पंजाब पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) ने नवरात्र में विदेशी हैंडलरों के इशारे पर बड़ी वारदात की साजिश को नाकाम कर दिया है। एजीटीएफ ने खरड़ के लांडरां से लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ गैंग के गुर्गे को गिरफ्तार किया है। डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी की पहचान हिसार के मांगली निवासी सचिन उर्फ बच्ची के तौर पर हुई है।
पुलिस टीम ने आरोपी से चार पिस्तौल और 12 कारतूस बरामद किए हैं। डीजीपी ने बताया कि प्राथमिक जांच में सामने आया है कि सचिन और गिरोह के अन्य गुर्गे अपने विदेशी हैंडलरों के इशारे पर सनसनीखेज अपराधों को अंजाम देने के लिए साजिश रच रहे थे। गिरफ्तार आरोपी गिरोह के गुर्गों को वाहन और छिपने के ठिकाने मुहैया करवाने में शामिल रहा है। डीजीपी यादव ने बताया कि एडीजीपी प्रमोद बान की निगरानी में एजीटीएफ की टीमों ने लांडरां में चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ कॉलेजेज के गेट के पास से सचिन को गिरफ्तार किया।
पंजाब पुलिस को लंबे समय से थी तलाश
एजीटीएफ के एआईजी संदीप गोयल ने बताया कि सचिन बच्ची का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड है। वह पंजाब पुलिस का वांछित था। आगे की जांच जारी है और इस मॉड्यूल से संबंधित कुछ और बरामदगी और गिरफ्तारी की उम्मीद है। इस संबंध में थाना स्टेट क्राइम मोहाली में आर्म्स एक्ट की धारा 25 के अधीन एफआईआर दर्ज की गई है।
गैंगस्टर पंचम मुंबई के होटल से गिरफ्तार, साथी हिमांशु भी काबू
उधर, जालंधर के सीआईए स्टाफ की टीम ने कई मामलों में वांछित गैंगस्टर पंचम और उसके साथी को मुंबई पुलिस के साथ ज्वाइंट ऑपरेशन में कुर्ला के एक होटल से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस कमिश्नर कुलदीप सिंह चहल ने कहा कि आरोपी पंचम मुंबई के एक होटल में रुका था, जिसे मुंबई पुलिस की मदद से जालंधर पुलिस ने दबोच लिया। आरोपी के साथी हिमांशु उर्फ माट्टा को भी गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि गैंगस्टर पंचम के खिलाफ जालंधर समेत अन्य जिलों में करीब 15 केस दर्ज हैं।