छत्तीसगढ़

परमीशन कौन मांग रहा है?…, बीजेपी के गेट बंद वाले बयान पर भड़के नीतीश कुमार, सुशील मोदी को लेकर उठा दिया सवाल

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मोतिहारी में केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में दिए गए भाजपा से दोस्ती वाले बयान पर सियासी बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। अब खुद सीएम नीतीश कुमार ने इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी और वरिष्ठ नेता सुशील मोदी पर पटलवार किया है।

सीएम नीतीश कुमार ने शनिवार को मीडिया से बात करते हुए भाजपा सांसद सुशील मोदी के बयान पर कहा कि सुशील मोदी पहले क्या थे? आप भूल गए हैं… वो कब थे यहां बोलिए…।

सीएम ने पीछे खड़े तेजस्वी यादव की ओर इशारा करके कहा कि इसके पिता जी वो पटना यूनिवर्सिटी के चेयरमैन बने और उनको (सुशील मोदी) बना दिया जनरल सेक्रेटरी। हम कहां थे? इंजीनियरिंग कॉलेज में थे।वहां के 500 वोट में से साढ़े चार सौ इन्हीं लोगों को दिलवाए, हमारे यहां से भी कोई कैंडिडेट था। उसी से ये लोग जीतकर आए.. तो ये सब पुरानी बातें हैं। जब तक साथ में थे तो ठीक ही काम कर रहे थे।

आजकल बेचारे को तो हटा दिया। हमको तो तकलीफ ही हुई कि डिप्टी सीएम नहीं बना रहे थे। लेकिन फिर भी रोज बोलते रहते हैं… कुछ-कुछ बोलते रहते हैं.. छोड़िए। हमको कुछ नहीं कहना है। खूब छपता है उनका.. खूब छपाओ, लेकिन हमको अब कोई मतलब नहीं है।

तेजस्वी के कंधे पर हाथ रखकर सीएम नीतीश कुमार ने सवालों का जवाब देते हुए एकबार फिर दोहराते हुए कहा कि अब हम लोग साथ कर रहे हैं.. ये बच्चा (तेजस्वी) हमलोगों के साथ.. सब खुश हैं।आप क्या बात करते हैं। हम तो खाली याद कराते हैं कि पहले से कितना बिहार के हित में काम किया गया। सब याद रखिए, इसके अलावे और कुछ नहीं।हम कहां किसी से कह रहे हैं कि हम आपके साथ हैं। वो लोग केवल बयान देते हैं कि नहीं, हम अलाऊ (अनुमति) नहीं करेंगे। अरे तुम्हारा परमीशन (अनुमति) कोई मांग रहा है?

क्या कहा था सुशील मोदी ने?

बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान पर भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को कहा था कि उनके बयान का ज्यादा मतलब नहीं है, भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है जेदयू के साथ अब भविष्य में कोई गठबंधन नहीं होगा… वे कांग्रेस और राजद को डराने के लिए यह बातें कहते हैं।

मोदी ने कहा कि वे राजद और कांग्रेस को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं कि अगर प्रधानमंत्री की उम्मीदवारी नहीं दी गई तो वे भाजपा में भी जा सकते हैं… भाजपा को कोई भ्रम नहीं है और हमें नीतीश कुमार की आवश्यकता भी नहीं है। अब नीतीश कुमार में बचा क्या है? उनके पास कोई वोट तो बचा नहीं।