नईदिल्ली : वर्ल्ड कप 2023 में अब तक 9 मैदानों पर मुकाबले खेले जा चुके हैं. इन मैदानों में से केवल अहमदाबाद और चेन्नई की पिचों को हाल ही में ICC ने औसत रेटिंग दी थी. इनके अलावा बाकी सभी मैदानों को अच्छी रेटिंग मिली थी. इस मामले में जब टीम इंडिया के कोच राहुल द्रविड़ से सवाल किया गया तो उन्होंने ICC की इस रेटिंग से असहमति जताई.
राहुल द्रविड़ ने कहा, ‘मैं निश्चित तौर पर उन दो विकेटों के लिए दी गई औसत रेटिंग से असहमत हूं. मुझे लगता है कि वे अच्छे विकेट थे. अगर आप केवल 350 रन वाले मैच देखना चाहते हैं और उन्हीं विकेटों को अच्छा मानते हैं, तो मैं इससे असहमत हूं. मुझे लगता है कि आपको अलग-अलग स्किल्स भी देखनी होगी.’
द्रविड़ ने कहा, ‘अगर हम सिर्फ चौके और छक्के लगते देखना चाहते हैं, तो हमारे पास टी20 विकेट भी हैं. दिल्ली और पुणे की पिचें 350+ रन वाली पिचे हैं. अगर सिर्फ यही विकेट अच्छे हैं तो फिर इस खेल में गेंदबाज क्या कर रहे हैं? द्रविड़ ने कहा कि वनडे क्रिकेट अलग-अलग स्किल्स को दिखाता है. यह केवल जोरदार हिट मारने तक ही सीमित नहीं है.’
गौरतलब है कि अहमदाबाद और चेन्नई में हुए भारत के मुकाबलों में ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान की टीमें 200 का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाई थीं.
‘बल्लेबाजी के अलावा भी अन्य स्किल्स होती हैं’
द्रविड़ कहते हैं, ‘मुझे लगता है कि हमें क्रिकेट में सभी कौशल जैसे बॉलिंग, फील्डिंग और स्ट्राइक रोटेट करने की क्षमता जैसी चीजें देखनी चाहिए. जडेजा, सेंटनर और जैम्पा की प्रभावी गेंदबाजी देखनी चाहिए. केन विलियमसन को स्ट्राइक रोटेट करते हुए देखा जाना चाहिए. विराट कोहली और केएल राहुल ने जिस तरह से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बल्लेबाजी की, वह भी एक कौशल है. क्रिकेट में यह सभी चीजें सामने आनी चाहिए.’
‘सिर्फ चौकों-छक्कों की संख्या पर पिच का आकलन न हो’
द्रविड़ आखिरी में कहते हैं, ‘मेरी राय में विकेटों का आकलन करने का यही एकमात्र तरीका नहीं है कि सिर्फ चौके-छक्कों की संख्या देखी जाए. मुझे लगता है कि अच्छा और औसत क्या है, यह तय करने का एक बेहतर तरीका होना चाहिए. क्रिकेट के खेल में कभी-कभी विकेट थोड़ा टर्न करेंगे, कभी-कभी वे थोड़ा सीम करेंगे और कभी थोड़ा स्विंग भी करेंगे, वे उछाल भी लेंगे. इसलिए अगर हम केवल छक्के और चौके पड़ने को अच्छे विकेट के रूप में देखते हैं तो मैं इससे असहमत हूं.’