गाजा पट्टी। गाजा के अस्पतालों में चारों तरफ मरीजों की चीख-पुकार मची हुई है… बिना एनेस्थीसिया, लाइट और बेड के यहां तक कि बैंडेज की जगह कपड़े तो सर्जरी के लिए सिलाई वाली सुई का इस्तेमाल करते हुए गाजा के डॉक्टर मरते हुए लोगों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। डॉक्टर्स बताते हैं कि जब भी इजरायली बमबारी तेज हो जाती है तो गाजा शहर के अस्पतालों में घायलों की भीड़ लग जाती है। घायलों की लंबी कतार अस्पतालों के बाहर खड़ी हो जाती है। बच्चे से लेकर हर उम्र के मरीजों के चीख-पुकार से पूरा अस्पताल गूंज उठता है। लेकिन धीरे-धीरे सभी संसाधनों की कमी के कारण सभी का उचित इलाज करना डॉक्टर्स के लिए एक चुनौती माना जा रहा है।
एक 51 वर्षीय आर्थोपेडिक सर्जन अस्पतलाओं में चल रहे मरीजों के इलाज को लेकर बताते हैं कि पर्याप्त एनेस्थीसिया के बिना सर्जरी कराने वाले मरीज की चीखों से अस्पतालों में इलाज करा रहे अन्य लोगों की आंखों में डर और मौत के खतरे को देखा जा सकता है। जो लोग अस्पतालों में अपने इलाज के बारी का इंतजार कर रहे हैं उनके चेहरे भयभीत नजर आ रहे हैं चारों तरफ चीख-पुकार से अस्पताल का माहौल दहशत से भरा हुआ है।
गाजा के दीर अल-बलाह शहर के अस्पताल में बीते दिन हुए बमबारी से सैकड़ों लोग घायल हुए। इस धामके की गूंज ने सबको हिला कर रख दिया। अस्पताल को निशाना बनाकर किए गए हवाई हमले में करीब 500 से अधिक फलस्तीनियों की जान गई। एक तरफ हमास इसके लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहरा रहा है तो वहीं इजरायल ने इसके लिए फलस्तीनी इस्लामिक जिहाद पर आरोप लगाया।