छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : महंत रामसुंदर दास ने कहा- मैं सेवाभाव से हूं,राजनीति करने के लिए नहीं, बृजमोहन को आशीर्वाद देने पर बोले…

रायपुर : इस बार रायपुर जिले की रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट से रोचक मुकाबला देखने को मिल रहा है। इस हाई प्रोफाइल वीआईपी सीट पर पूरे देश-प्रदेश की नजर है। क्योंकि यहां से पहली बार दूधाधारी मठ के महंत रामसुंदर दास कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में हैं। वहीं दूसरी ओर बीजेपी प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल 35 साल से यहां से विधायक हैं और 8वीं बार भी इस बार चुनावी रण में हैं। ऐसे में गुरु और शिष्य के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। बृजमोहन अग्रवाल महंत को अपनी गुरु मानते हैं। ऐसे में इस सीट पर पहली बार बिना आरोप-प्रत्यारोप के राजनीति हो रही है।

छत्तीसगढ़ में लोकतंत्र का महापर्व और महायज्ञ होने जा रहा है, जैसे हम नवरात्रि में अष्टमी पर हवन करते हैं। वैसे ही ये लोकतंत्र का महायज्ञ है इसमें लोग पूर्ण आहुति 17 नवंबर को देंगे। मतदाता अपने वोट की आहुति देंगे और इसी के तहत लोकतंत्र का महापर्व पूरा होगा। मुझे पूरा विश्वास है कि रायपुर दक्षिण की जनता विकास को लेकर और सेवा भावना को लेकर कांग्रेस को वोट देगी। उसके तहत मैं उनका सेवक बनूंगा और जनसेवा करूंगा।

लोकतंत्र में आरोप-प्रत्यारोप नहीं होनी चाहिए। लोकतंत्र में आरोप-प्रत्यारोप का स्थान ही नहीं होना चाहिए। स्वच्छ राजनीति होनी चाहिए। जो जनहित का कार्य सरकार ने किया है। उसे हम लोगों को जाकर गिना रहे हैं। हम जनता के सामने अपनी बात रख रहे हैं। वह अपना निर्णय लेगी। फैसला जनता करेगी। मुझे ऐसा विश्वास है कि जैसे लोगों से भेंट मुलाकात हो रही है। लोगों से जनसंपर्क कर रहा हूं। महंत ने दावा किया कि लोग 17 नवंबर को कांग्रेस के पक्ष में मतदान करेंगे।

राजनीति में मैं सेवा भावना से आया हूं। दूधाधारी मठ में रहकर छत्तीसगढ़ के प्रमुख धार्मिक स्थलों की सेवा करने का मुझे अवसर मिला है। सभी जगह मैं सेवा करता हूं। जब मठ के चार दीवारी में रहता हूं, तो भगवान की पूजा करता हूं और जब बाहर रहता हूं तो जनसेवा करता हूं। मैं दो बार विधायक भी रह चुका हूं। लोगों के बीच रहकर उनकी समस्याओं का समाधान करता रहा इसलिए छत्तीसगढ़ विधानसभा ने मुझे उत्कृष्ट विधायक होने का गौरव भी प्रदान किया है।

मैं केवल दूधाधारी मठ ही नहीं, छत्तीसगढ़ के जो भी प्रमुख धार्मिक स्थल हैं, चाहे वह जैतू साव मठ हो, जगन्नाथ मंदिर हो, राजीवलोचन मंदिर हो या शिवरीनारायण मंदिर हो उन सब का मैं प्रथम सेवक हूं। मठ में रहकर मैं सेवा करता हूं। यहां जो भी भक्त आते हैं उन्हें आशीर्वाद प्राप्त होता है। भगवान उनकी मनोकामना पूर्ण करते हैं। उसमें बृजमोहन अग्रवाल भी आते हैं। दूधाधारी मठ का ऐसा कोई धार्मिक कार्यक्रम नहीं है, जिसमें बृजमोहन अग्रवाल की उपस्थिति ना रहती है। वह हर धार्मिक कार्यक्रम में आते हैं। यहां हर भक्तों को आशीर्वाद मिलता है। किसी व्यक्ति विशेष की बात नहीं है। बृजमोहन अग्रवाल को केवल 35 साल से ही नहीं, जब वह पढ़ रहे थे तब से आ रहे थे। हमारे जब गुरु जी रहते थे तो उनके बीच में आते थे और बृजमोहन अग्रवाल के पिताजी रामलाल अग्रवाल उनका पूरा परिवार आता है। यहां दूधाधारी मठ में हर कोई भक्त आता है, सभी को आशीर्वाद मिलता है।

एक सेवा भावी व्यक्ति को जिसका जीवन ही समर्पित है, सेवा के लिए। ऐसे व्यक्ति को अपना अमूल्य वोट देना चाहिए। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि सेवा कार्य में कहीं भी किसी प्रकार की कोई कमी नहीं आएगी। इस बात की हम जनता को विश्वास दिला रहे हैं। एक विधायक के रूप में नहीं, एक सेवक के बीच में रहकर हम उनकी सेवा करेंगे।