छत्तीसगढ़

अरनिया सेक्टर में दहशत में गुजरी ग्रामीणों की दूसरी रात, लगातार नौ घंटे तक गोले बरसाता रहा पाकिस्तान

जम्मू : पाकिस्तान की नापाक हरकत के बाद अरनिया सेक्टर के साथ सीमावर्ती ग्रामीण इलाकों में दूसरी रात भी दहशत में गुुजरी। बृहस्पतिवार की तरह शुक्रवार रात भी ग्रामीणों ने डर के साए में गुजारी। इसकी आंच पुंछ तक पहुंच चुकी है। पाकिस्तान ने नौ दिन में तीसरी बार संघर्ष विराम तोड़ते हुए बृहस्पतिवार रात को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अरनिया सेक्टर की आठ पोस्ट सहित रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया। बृहस्पतिवार रात आठ बजे शुरू हुई गोलाबारी शुक्रवार सुबह पांच बजे तक जारी रही। रिहायशी इलाकों में मोर्टार शेल गिरने से नुकसान का मंजर देख लोग सहमे हैं। कई स्कूल बंद कर दिए गए हैं। शुक्रवार को सुहागपुर स्कूल की कक्षाएं बंकर में लगाई गईं। माहौल बिगड़ता देख बाहरी राज्यों से आए मजदूर भी पलायन कर रहे हैं।

बृहस्पतिवार रात 8:05 बजे बॉर्डर क्षेत्र में गोलाबारी शुरू हुई। पहली घटना चिनाज और बिक्रम पोस्ट पर सामने आई, जिसमें दो सुरक्षाकर्मी जख्मी हुए हैं। पंचायत सई खुर्द के गांव बुल्लेचक में ओम प्रकाश के घर की रसोई के पास गोला गिरा है, जिसकी जद में आने से सामान और दीवार क्षतिग्रस्त हुई है। धमाका इतना जोरदार था कि स्टील की बाल्टी पत्तों की तरह बिखर गई। गोलाबारी की दहशत से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है। अरनिया कस्बे और बॉर्डर क्षेत्र के निजी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। शुक्रवार को सरकारी स्कूल तो खुले रहे, लेकिन बच्चों की संख्या न के बराबर रही। सरकारी मिडिल स्कूल सुहागपुर की कक्षाएं एक बंकर में लगाई गईं। अरनिया सेक्टर में गोलाबारी के चलते धान की कटाई के लिए बुलाए गए अन्य राज्यों के मजदूर बड़े पैमाने पर पलायन कर रहे हैं।

बम गिरते ही सबकुछ तहस-नहस हो गया
बुल्लेचक के निवासी ओमप्रकाश के बेटे पवन कुमार ने बताया कि उनकी पत्नी रसोई में खाना बनाने की तैयारी कर रही थी। बम गिरने से पहले वह रसोई में ही थी, लेकिन कोई सामान लेने के लिए कमरे के आई, तो पीछे से बम गिर गया, जिसने सबकुछ तहस-नहस कर दिया। अगर बम दीवार पर गिरता तो परिवार चपेट में आ जाता। शुक्रवार तड़के तक किसी प्रशासनिक अधिकारी के न पहुंचने से ग्रामीणों में काफी रोष था।

लोगों का कहना है कि गांव में सामुदायिक बंकर की सुविधा नहीं है। जान को खतरा बना रहता है। जलशक्ति विभाग की पाइप डालने का काम करने वाले मोहम्मद सदीक और मोहम्मद अजीब जो कि मूल रूप से पुंछ के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि गोलाबारी शुरू हो गई है। इसके चलते वह अपने घर लौट रहे हैं। 4 महीने से बॉर्डर क्षेत्र में काम कर रहे थे, लेकिन गोलाबारी से अब डर लग रहा है।

इन गांवों को बनाया निशाना घरों पर गिरे मोर्टार शेल
पाकिस्तान ने अरनिया सेक्टर के गांव काकू दे कोठे, कोटली, चंगिया, पिंडी कुदवाल, चानना, तरेवा, जबोवाल, देवीगढ़, सई, बुल्लेचक और अरनिया नगर पालिका के वार्ड-5 को निशाना बनाया। अरनिया, बुल्लेचक और कोटली में लोगों के घरों पर मोर्टार शेल गिरे हैं। खेतों में गोले गिरने से धान की फसल को नुकसान पहुंचा है।

वार्ड-पांच में घायल रजनी के घर के पास गिरे पांच गोले
बॉर्डर क्षेत्र के अलावा अरनिया कस्बे के वार्ड-5 में भी मोर्टार शेल गिरे हैं। वीरवार रात एक महिला रजनी देवी घायल हो गई थी। उसके घर के आसपास ही तकरीबन पांच मोर्टार शेल गिरे हैं। ग्रामीण खौफजदा हैं। लोग घरों से बुजुर्गों और बच्चों को सुरक्षित जगह पर पहुंचा रहे हैं। लोगों का मानना है कि देर रात को पाकिस्तान की ओर से फिर से फायरिंग शुरू कर दी जाएगी, इसलिए वे बच्चों और बुजुर्गों की जान जोखिम में नहीं डाल सकते।

पीएचसी अरनिया में सुविधाएं बढ़ाईं, पांच एंबुलेंस तैनात
प्राइमरी हेल्थ सेंटर अरनिया में सीएमओ हरबख्श सिंह (जम्मू) ने शुक्रवार सुबह दौरा किया। उनके साथ बीएमओ बिश्नाह शमीम अहमद चौधरी, मेडिकल अफसर डॉ. रोहित कुमार और अन्य स्टाफ मौजूद था। गोलाबारी की घटना को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा अतिरिक्त दवाइयां मंगवाई गई हैं। प्राथमिक उपचार में इस्तेमाल होने वाली सभी दवाइयां उपलब्ध करवाई गई हैं। अस्पताल में पांच एंबुलेंस तैनात कर दी गई है।