छत्तीसगढ़

केरल बम बलास्ट: संगठन में सुधार के लिए मैंने कन्वेंशन सेंटर पर किया विस्फोट, आरोपी का कबूलनामा

कोच्चि : रविवार सुबह कोच्चि में एक प्रार्थना सभा के दौरान हुए विस्फोट में एक व्यक्ति की मौत हो गई और 36 से अधिक लोग घायल हो गए. यह घटना ईसाई संप्रदाय ‘यहोवा विटनेसेस’ द्वारा आयोजित तीन दिवसीय प्रार्थना सभा के समापन पर हुई. जब विस्फोट हुआ तब राज्य भर से लगभग 2,300 लोग प्रार्थना सभा का हिस्सा ले रहे थे. इस बीच ‘यहोवा विटनेसेस’ का सदस्य होने का दावा करने वाले एक शख्स मार्टिन ने पूरी घटना की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि यह संगठन राष्ट्रविरोधी हैं. राष्ट्रगान गाने और वोट देने से मना करता था.

आरोपी ने अपने कबूलनामा में लिखा, “मेरा नाम मार्टिन है. मुझे आशा है कि आप लोगों को कोच्चि में हुई घटना की जानकारी होगी. यहोवा के एक सम्मेलन में एक बम विस्फोट हुआ और इसके गंभीर परिणाम हुए. मुझे इसकी ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन मैं जानता हूं कि ऐसा हुआ है. मैं इसकी पूरी जिम्मेदारी लेता हूं. मैं बम विस्फोट के पीछे था. मैं यह वीडियो आपको यह बताने के लिए कर रहा हूं कि मैंने ऐसा क्यों किया?”

उसने लिखा, ” मैं 16 वर्षों तक इस संगठन (‘यहोवा विटनेसेस’) का हिस्सा था. मैं तब मुद्दों को लेकर गंभीर नहीं था. छह साल पहले मुझे एहसास हुआ कि यह एक गलत संगठन है और इसकी गतिविधियां देश विरोधी हैं. मैंने उन्हें ठीक करने की कोशिश की, लेकिन वे तैयार नहीं थे.”

आरोपी ने ‘यहोवा विटनेसेस’ को बताया राष्ट्र विरोधी

उसने लिखा, ” यह संगठन सिखाता है कि हमारे देश के लोग अनैतिक हैं. वे समुदाय के सदस्यों को अन्य समुदाय के सदस्यों के साथ भोजन करने और बातचीत करने के खिलाफ चेतावनी देते हैं. इसमें चार साल के छात्र को सहपाठियों द्वारा बांटी गई मिठाई न खाने, राष्ट्रगान न गाने को कहा गया है.”

वह लिखता है,” जरा सोचिए कि वे किस तरह का जहर फैला रहे हैं. जब हम बड़े होते हैं तो कहते हैं कि वोट मत दो, सैन्य सेवा में मत जाओ. यहां तक कि शिक्षण कार्य को भी खराब दृष्टि से देखा जाता है. उनका मानना है कि अन्य लोग मर जाएंगे और नष्ट हो जाएंगे और वे अकेले जीवित रहेंगे. मुझे कोई समाधान नहीं मिल सका. मैं जवाब देना चाहता था. मैंने यह समझने के बाद निर्णय लिया कि यह देश के लिए अच्छा नहीं है.”

कौन है ‘यहोवा विटनेसेस’?

1870 के दशक के अंत में ईसाई जायोनीवादी चार्ल्स टेज रसेल द्वारा स्थापित, ‘यहोवा विटनेसेस’ के दुनिया भर में 8.5 मिलियन से अधिक सदस्य हैं. केरल में, इसके सदस्यों की संख्या कथित तौर पर 10,000 से अधिक है. यह ईसाई संप्रदाय पहली सदी के ईसाई धर्म का पालन करता है और बाइबिल को अपनी मान्यताओं के लिए अंतिम अधिकार मानता है. वे यहोवा को ही एकमात्र सच्चा परमेश्वर मानते हैं. ‘यहोवा विटनेसेस’ स्वयं को पृथ्वी पर परमेश्वर के राज्य का प्रतिनिधि मानते हैं.

‘यहोवा विटनेसेस’ प्रचार के माध्यम से अपनी मान्यताओं को फैलाना अपने कर्तव्य के रूप में देखते हैं. वे सार्वजनिक भाषण देकर, लोगों के घरों में जाकर और पर्चे बांटकर ऐसा करते हैं. वे उन प्रतीकों और अवधारणाओं में विश्वास नहीं करते हैं जो आमतौर पर ईसाई धर्म से जुड़े होते हैं जैसे कि क्रॉस या स्वर्ग/नर्क आदि पर करते हैं.