नईदिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के एक न्यायाधीश ने वकीलों की ओर से बार-बार ‘माई लॉर्ड’ और ‘योर लॉर्डशिप’ कहे जाने पर नाखुशी जताई। वाकया न्यायिक कार्यवाही के दौरान हआ। दरअसल, कोर्ट में एक नियमित मामले की सुनवाई चल रही थी। इस दौरान पीठासीन न्यायाधीश न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना के साथ पीठ पर जस्टिस पीएस नरसिम्हा भी बैठे थे। तभी जस्टिस नरसिम्हा ने एक वरिष्ठ वकील से कहा कि आप कितनी बार ‘माई लॉर्ड्स’ कहेंगे। यदि आप यह कहना बंद कर देंगे, तो मैं आपको अपना आधा वेतन दे दूंगा।
बहस के दौरान वकील न्यायाधीशों को हमेशा से ‘माई लॉर्ड’ या ‘योर लॉर्डशिप’ कहते आए हैं। जो लोग इसके खिलाफ हैं, वह इसे औपनिवेशिक युग और गुलामी की निशानी कहते हैं। जस्टिस नरसिम्हा ने कहा कि आप इसके बजाय ‘सर’ का उपयोग क्यों नहीं करते। वरना वह गिनना शुरू कर देंगे कि वरिष्ठ वकील ने कितनी बार ‘माई लॉर्ड्स’ शब्द का इस्तेमाल किया।
दरअसल, 2006 में बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें फैसला लिया गया था कि कोई भी वकील न्यायाधीशों को ‘माई लॉर्ड’ और ‘योर लॉर्डशिप’ कहकर संबोधित नहीं करेगा। हालांकि, आमतौर पर वकील इसका पालन नहीं करते हैं।