नईदिल्ली : सवाल के बदले नकदी मामले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा ने लोकसभा की आचार समिति के प्रमुख विनोद सोनकर पर हमला किया है। मोइत्रा ने रविवार को दावा कि बीते दो नवंबर को जब वह समिति के समक्ष पेश हुईं थीं तो सोनकर ने उनसे अप्रासंगिक सवाल पूछे थे।
तृणमूल सांसद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भाजपा को चेतावनी देते हुए कहा कि उनके पास आचार समिति में रिकॉर्ड की सटीक प्रतिलिपि शब्दश: है।
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, यह जानकर मेरी रूह कांप रही है कि भाजपा मेरे खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने की योजना बना रही है। उनका स्वागत है। बस इतना जान लीजिए कि इससे पहले कि वे सवाल करें कि मेरे पास कितने जोड़ी जूते हैं, सीबीआई और ईडी को (कारोबारी गौतम) अदाणी के खिलाफ 13,0000 करोड़ रुपये के कोयला घोटाले के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की जरूरत है।
उन्होंने आगे लिखा, इससे पहले कि आप फर्जी कहानी के साथ महिला सांसद को बाहर निकालें, याद रखें कि मेरे पास आचार समिति में रिकॉर्ड की सटीक प्रतिलिपि है। सभापति के घटिया अप्रसांसगिक सवाल, विपक्ष का विरोध, मेरा विरोध..ये सब आधिकारिक तौर पर ब्लैक एंड व्हाइट हैं। बेशर्म और बेहुदा। मोइत्रा और समिति के विपक्षी सदस्य गुरुवार दोपहर बैठक से बाहर चले गए। उन्होंने पूछताछ के तौर-तरीके पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस सांसद से व्यक्तिगत सवाल पूछे गए।
सदन से बाहर जाने वालों में बसपा सांसद दानिश अली, जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद गिरिधारी यादव और कांग्रेस सांसद उत्तम कुमार रेड्डी शामिल थे। तृणमूल कांग्रेस की सांसद मोइत्रा ने आरोप लगाया कि समिति ने उनसे अपमानजनक व्यक्तिगत सवाल पूछे।
उन्होंने महाभारत के उस अध्याय का जिक्र करते हुए इस प्रकरण को लौकिक वस्त्रहरण (स्ट्रिपिंग) के रूप में वर्णित किया, जहां कौरवों ने दरबार में पाडवों की रानी द्रौपदी को अपमानित किया था। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे एक पत्र में महुआ ने कहा कि बैठक के दौरान उनके साथ ‘अनैतिक, घृणित, पूर्वाग्रहपूर्ण व्यवहार’ किया गया।
लोकसभा की आचार समिति के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने गुरुवार को आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने समिति के समक्ष अपनी गवाही के बाद जिरह के दौरान उनके और अन्य सदस्यों के खिलाफ ‘असंसदीय भाषा’ का इस्तेमाल किया। मोइत्रा, दुबे द्वारा लगाए गए ‘नकदी के बदले सवाल’ के आरोपों का सामना कर रही हैं, जिन्होंने आरोप लगाया था कि तृणमूल सांसद ने अदाणी समूह को निशाना बनाने के लिए संसद में सवाल उठाने के लिए दुबई के व्यवसायी हीरानंदानी से रिश्वत ली थी।