नई दिल्ली। पाकिस्तान में छिपे भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों और उनके सहयोगियों के गिरने का सिलसिला अब तेज होता जा रहा है। दो-तीन सप्ताह के अंतराल पर किसी न किसी आतंकी संगठन जैसे ‘जैश-ए-मोहम्मद’, ‘डी कंपनी’, ‘लश्कर ए तैयबा’, लश्कर-ए-जब्बर और लश्कर-आई-जांगवी आदि समूहों के सदस्य मारे जा रहे हैं। विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि इस बार भारत के टॉप मोस्ट आतंकियों के लुढ़कने का नंबर लग सकता है। हालांकि पाकिस्तानी आईएसआई ने उन्हें मजबूत सुरक्षा घेरा और बुलेटप्रूफ गाड़ियां मुहैया कराई हैं, लेकिन साथ ही यह भी बता दिया है कि वे अपने ठिकाने से बाहर न निकलें। इसके बाद से ही हिज्बुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन, जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर और ‘लश्कर ए तैयबा’ के प्रमुख हाफिज सईद, ख़ुद की जान पर ख़तरे की आशंका से डरे हुए हैं। रविवार को आतंकी ख्वाजा शाहिद उर्फ मियां मुजाहिद का शव बरामद हुआ है।
पाक अधिकृत कश्मीर सेक्टर में मुजफ्फराबाद से लगभग 73 किलोमीटर दूर अथमुकाम तहसील में मियां मुजाहिद का शव मिला है। नीलम घाटी में स्थित आर्मी कैंप में उक्त आतंकी का शव ले जाया गया है। मियां मुजाहिद के बारे में कहा जाता है कि जम्मू कश्मीर में 2018 के दौरान सेना के सुंजवान कैंप पर हुए आतंकी हमले का मास्टर माइंड ख्वाजा शाहिद था। आर्मी कैंप पर हुए हमले में तीन आतंकियों के शव बरामद किए गए थे। उस हमले को नाकाम बनाने में पांच जवान शहीद हुए थे। एक जवान के पिता की मौत और महिला एवं बच्चों समेत दस लोग घायल हो गए थे। आतंकियों के पास से एके 56 राइफल, ग्रेनेड और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया था। सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान में अब टॉप आतंकी संगठनों के प्रमुखों की हिफाजत के अलावा अन्य सदस्यों की सुरक्षा से ध्यान हटा लिया गया है। हालांकि पाकिस्तान की तरफ से कहा जाता है कि हाफिज सईद जेल में हैं, लेकिन दो तीन वर्ष पहले एक हमले में वह बाल-बाल बच गया था। उस वक्त वह जेल में नहीं, बल्कि एक प्राइवेट जगह पर रह रहा था। पाकिस्तानी आईएसआई ने आतंकी सरगनाओं को साफतौर से कह दिया है कि उनकी जान खतरे में है।
मोहम्मद सलीम के बाद अब मियां मुजाहिद खत्म
पाकिस्तान में भारत के वांटेड आतंकी एक-एक कर खत्म हो रहे हैं। पड़ोसी मुल्क में इस साल भारत के कई दुश्मन मारे जा चुके हैं। अब मियां मुजाहिद मारा गया है। 23 अक्तूबर को दाऊद इब्राहिम की ‘डी कंपनी’ का एक गुर्गा मारा गया था। मोहम्मद सलीम, कराची की दिल्ली कालोनी का रहने वाला था। सलीम की हत्या करने के बाद उसकी बॉडी, दरगाह अली शाह सखी सरमस्त के निकट ल्यारी नदी में फेंक दी गई। पुलिस स्टेशन, ल्यारी ने सलीम की बॉडी को नदी से बरामद किया था। पिछले दिनों दाऊद मलिक, जिसे वैश्विक आतंकी संगठन ‘जैश-ए-मोहम्मद’ के सरगना मसूद अजहर का करीबी बताया जा रहा था, वह पाकिस्तान के उत्तरी वजीरीस्तान में मारा गया था।
पिछले दिनों पाकिस्तान में मारे गए ये टॉप आतंकी
गत दिनों शाहीद लतीफ, जिसे पठानकोट हमले का मास्टर माइंड बताया जाता है, वह मारा गया था। दूसरा आतंकी और आईएसआई का एजेंट मुल्ला बाहौर उर्फ होर्मुज था, वह भी पाकिस्तान के भीतर अज्ञात लोगों की गोली का शिकार हो गया था। इसके बाद पिछले सप्ताह दाऊद मलिक मारा गया। उसे वैश्विक आतंकी संगठन ‘जैश-ए-मोहम्मद’ के सरगना मसूद अजहर का करीबी बताया जाता है। जैश-ए-मोहम्मद के अलावा दाऊद मलिक, लश्कर-ए-जब्बर और लश्कर-आई-जांगवी से भी जुड़ा हुआ था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मसूद अजहर, हाफिज सईद, लखवी और दाऊद इब्राहिम जैसे दहशतगर्दों को यूएपीए के तहत आतंकी घोषित किया गया है।
बालाकोट एयर स्ट्राइक में बच गया था मलिक
दाऊद मलिक, पाकिस्तान के उत्तरी वजीरीस्तान में मारा गया था। वह अज्ञात लोगों की गोली का निशाना बना। सूत्रों का कहना है कि इस साल पाकिस्तान में मौजूद भारत के कई मोस्ट वांटेंड आतंकी मारे जा चुके हैं। इतना ही नहीं, भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों के मारे जाने का सिलसिला, केवल पाकिस्तान में ही नहीं, बल्कि दुनिया के दूसरे मुल्कों में भी चल रहा है। पुलवामा हमले के बाद जब भारतीय सेना ने बालाकोट पर एयर स्ट्राइक की थी तो उस वक्त दाऊद मलिक की वहां पर उपस्थिति बताई जाती है। हालांकि बाद में ऐसी जानकारी सामने आई थी कि उस हमले में दाऊद मलिक बच निकला था। ये सभी आतंकी, आईएसआई की हिफाजत में रहते हैं। दुनिया की आंखों में धूल झोंकने के लिए पाकिस्तान, इन आतंकियों को लेकर नए पैंतरे चलता रहता है। शंघाई सहयोग संगठन की बैठक से पहले पाकिस्तान ने कहा था कि मौलाना मसूद अजहर, अफगानिस्तान में है। उसकी गिरफ्तारी के लिए अफगानिस्तान को चिट्ठी लिखी गई है।
बलूचिस्तान में होर्मुज को मारी गई गोली
भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी शाहीद लतीफ, पाकिस्तान के गुजरांवाला का रहने वाला था। उसे अज्ञात हमलावरों ने बहुत करीब से गोली मारी थी। 2016 का पठानकोट हमला, जिसमें भारतीय सेना के सात जवान शहीद हुए थे, शाहीद लतीफ ही उस अटैक का मास्टर माइंड बताया जाता है। उसे आईएसआई से विशेष ट्रेनिंग मिली थी। लतीफ को आतंकी संगठन, जैश-ए-मोहम्मद ने सियालकोट सेक्टर के प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी थी। दूसरा आतंकी, आईएसआई का एजेंट मुल्ला बाहौर उर्फ होर्मुज है। उसे बलूचिस्तान के क्षेत्र में गोली मारी गई थी। बाहौर के बारे में कहा जाता है कि उसने ही ईरान से कुलभूषण जाधव को अगवा कर आईएसआई के हवाले किया था। भारतीय नौसेना से रिटायर हुए कुलभूषण जाधव इस वक्त पाकिस्तान की जेल में हैं। कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ भारत ने हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में दस्तक दी थी। वहां से कुलभूषण की मौत की सजा पर रोक लगाई गई है।
पाकिस्तान में मारे गए हैं ये वांटेड आतंकी
20 फरवरी को बशीर अहमद पीर उर्फ इम्तियाज को रावलपिंडी में गोली मारी गई थी। वह केंद्र सरकार के आतंकियों की सूची में शामिल था। उसका काम पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ कराना था। आईएसआई ने उसे हिजबुल मुजाहिदीन का लॉन्च पैड संभालने की जिम्मेदारी दी थी। पिछले माह ‘लश्कर ए तैयबा’ के प्रमुख हाफिज सईद के करीबी अबु कासिम को रावलकोट में गोली मारी गई थी। खालिस्तान कमांडो फोर्स का दुर्दांत आतंकी और भारत में मोस्ट वांटेड परमजीत सिंह पंजवड़ की भी पाकिस्तान में अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या की थी। उसके अलावा पाकिस्तान में हिजबुल मुजाहिदीन का टॉप आतंकी बशीर मीर उर्फ इम्तियाज आलम और जैश का खूंखार आतंकी जहूर मिस्त्री की भी हत्या हुई थी। जहूर मिस्त्री कंधार विमान अपहरण कांड में शामिल था। कनाडा में भारत विरोधी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हो गई थी। उस बाबत कनाडा और भारत के बीच विवाद चल रहा है।
‘120’ घंटों में मारे गए दो खालिस्तानी
विदेशी मुल्कों में कुछ माह पहले भारत में आतंकवाद फैलाने वाले दो मोस्ट वांटेड खालिस्तानी आतंकियों का ‘120’ घंटे के भीतर मारे जाना, एक बड़ी घटना थी। पहले खालिस्तानी आतंकी अवतार सिंह खांडा मारा गया। 15 जून को बर्मिंघम के एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। उसने लंदन स्थित भारतीय दूतावास पर राष्ट्रीय ध्वज को उताकर उसका अपमान किया था। इसके बाद 19 जून को कुख्यात खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में मौत हो गई। वह दो अज्ञात बंदूरधारियों की गोलियों का निशाना बना। ये दोनों आतंकी, एनआईए की मोस्ट वांटेड टेरेरिस्ट लिस्ट में शामिल थे। हरदीप सिंह निज्जर पर तो एनआईए ने दस लाख रुपये का इनाम रखा था। महज 120 घंटे में दो आतंकियों का मारे जाना, इसके बाद कनाडा और दूसरे मुल्कों में बैठे खालिस्तान समर्थकों का पसीना छूटने लगा था।
विदेश में ये आतंकी खुद को महफूज मान रहे थे
खालिस्तानी आतंकी, विशेषकर ब्रिटेन और कनाडा में खुद को महफूज मान रहे थे। खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर इन दोनों देशों की सरकारों के साथ भारत अपनी नाराजगी जाहिर कर चुका है। अवतार सिंह खांडा, जिसने लंदन में स्थित भारतीय दूतावास पर तिरंगे को उतारने का दुस्साहस किया था, वह खुलेआम घूमता रहा। भारत सरकार ने पिछले साल गुरपतवंत सिंह के खिलाफ इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने का आग्रह किया था, जिसे स्वीकार नहीं किया गया। मोस्ट वांटेड खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की मौत के बाद गुरपतवंत सिंह भूमिगत हो गया था। पन्नू को पाकिस्तानी आईएसआई का पूर्ण समर्थन हासिल है। उसने खालिस्तान के मुद्दे पर जनमत संग्रह को लेकर पाकिस्तान की यात्रा की थी। इस दौरान आईएसआई व उसके गुर्गें आतंकी संगठनों के सदस्यों के साथ पन्नू की मुलाकात हुई थी। गृह मंत्रालय द्वारा पन्नू को यूएपीए के तहत आतंकी घोषित किया गया है। निज्जर और खांडा से पहले खालिस्तानी आतंकी परमजीत सिंह पंजवार 6 मई 2023 को पाकिस्तान के लाहौर में मारा गया था।। बशीर अहमद पीर रावलपिंडी में मारा गया। एलईटी आतंकी अब्दुल सलाम भट्टावी भी मई 2023 में पाकिस्तान में मारा गया। इनके अलावा भारत में आतंक फैलाने वाला खालिद रजा को कराची में गोली मारी गई थी।