छत्तीसगढ़

टाइम आउट विवाद : मैथ्यूज टाइम आउट डिबेट में आर. अश्विन की एंट्री, जानें इस मामले पर क्या राय रखते हैं स्पिन ऑलराउंडर

नईदिल्ली : वर्ल्ड कप 2023 के ‘मैथ्यूज टाइम आउट’ विवाद में टीम इंडिया के स्पिन ऑलराउंडर आर अश्विन ने अपनी राय रखी है. उन्होंने इस मामले में शाकिब और मैथ्यूज दोनों को अपनी-अपनी जगह सही बताया है. उन्होंने कहा है कि नियमों को देखा जाए तो शाकिब कहीं से भी गलत साबित नहीं होते हैं लेकिन हेलमेट का स्ट्रेप टूटना मैथ्यूज के भी नियंत्रण में नहीं था.

गौरतलब है कि वर्ल्ड कप 2023 में श्रीलंका-बांग्लादेश मैच में एक एतिहासिक घटना हुई थी. इस मैच में श्रीलंका के बल्लेबाज एंजेलो मैथ्यूज को बल्लेबाजी के लिए आने में दो मिनट से ज्यादा समय लगाने के कारण बिना गेंद खेले पवेलियन वापस लौटना पड़ा था. उन्होंने क्रिकेट इतिहास का पहला और एकमात्र ‘टाइम आउट’ खिलाड़ी बनने का अनचाहा तमगा भी हासिल किया था.

मैथ्यूज ने अपने हेलमेट का स्ट्रेप टूटने के कारण स्ट्राइक लेने में देरी की. उन्होंने इसके लिए अंपायर से खूब बहस भी की. वह अभी भी खुद को इस मामले में पीड़ित बता रहे हैं. उधर, मैथ्यूज के खिलाफ ‘टाइम आउट’ की अपील करने वाले बांग्लादेशी कप्तान शाकीब अल हसन भी अपने फैसले को अब तक सही बताते रहे हैं. क्रिकेट जगत भी इस विवाद में बंटा हुआ है. कोई मैथ्यूज के पक्ष में है तो कोई शाकीब को सही ठहरा रहा है.

क्या बोले आर अश्विन?
अश्विन ने अपने यू-ट्यूब चैनल पर कहा, ‘एक पक्ष नियमों की बातें कर रहा है और दूसरा पक्ष क्रिकेट की भावना के बारे में बात कर रहा है. जब मैथ्यूज बल्लेबाजी करने आए, तो उनका हेलमेट ठीक नहीं था और वह उसे बदलना चाहते थे. मैंने एक और भी वीडियो देखा, जहां शाकिब श्रीलंका के खिलाफ एक मैच में अपना गार्ड लाना भूल गए थे और उन्हें बाद में इसे लाने की अनुमति दी गई थी.’ 

अश्विन कहते हैं, ‘यह मामला इन दोनों देशों के बीच लगभग युद्ध जैसा बन गया है. मैं इस बात से सहमत हूं कि टाइम-आउट होने पर शाकिब ने सही अपील की और अंपायर ने आउट देकर सही फैसला भी किया. मैथ्यूज को टाइम आउट के बारे में अंपायरों ने पहले चेतावनी भी दे दी थी. लेकिन मैथ्यूज इसके बाद भी इस फैसले से निराश हुए. उनकी निराशा भी गलत नहीं है क्योंकि कोई भी खिलाड़ी इस तरह से आउट होना नहीं स्वीकार सकता. हर किसी को उनके लिए बुरा लगा.’

आखिरी में अश्विन कहते हैं, ‘दोनों अपनी-अपनी जगह पर सही हैं. एक नियमों का पालन कर रहा था जबकि दूसरा हेलमेट में खराबी आने का शिकार हो गया. शिकार हुए व्यक्ति ने नियमों के तहत अपील करने वाले व्यक्ति से पूछा कि क्या वह हेलमेट को देखते हुए अपील वापस ले सकता है लेकिन सामने वाले ने यहां न कह दिया.’