नई दिल्ली। मौजूदा वनडे विश्व कप में टीम इंडिया का शानदार प्रदर्शन जारी है क्योंकि मेजबान टीम ने अब तक अपने सभी आठ मैचों में अपराजेय रहकर टूर्नामेंट में स्पष्ट रूप से दबदबा बनाया है। रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम ने बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों विभागों में अच्छा प्रदर्शन किया है और कई बड़ी टीमों के खिलाफ बड़ी जीत दर्ज की है। एक कारक जिसने निश्चित रूप से भारत के लिए एक छाप छोड़ी है, वह उनका तेज गेंदबाजी आक्रमण है, जिसमें मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज और जसप्रीत बुमराह शामिल हैं। यह तिकड़ी वास्तव में घातक साबित हुई है क्योंकि इसने आपस में कुल 41 विकेट लिए हैं।
टूर्नामेंट अब नॉकआउट चरण की ओर बढ़ रहा है, चर्चाएं ये हैं कि भारत का वर्तमान गेंदबाजी आक्रमण सीमित ओवरों के प्रारूप में अब तक का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी आक्रमण है। हालांकि, पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने इस तरह की राय को खारिज कर दिया है और 2003 विश्व कप के भारत के गेंदबाजी आक्रमण का उदाहरण दिया है।
उन्होंने कहा, ‘मैं यह नहीं कह सकता कि यह भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजी आक्रमण है। 2003 विश्व कप में आशीष नेहरा, जहीर खान और जवागल श्रीनाथ ने भी शानदार गेंदबाजी की थी। गांगुली ने कहा, ‘लेकिन हां, बुमराह, शमी और सिराज को गेंदबाजी करते देखना रोमांचक है। जब आपके पास बुमराह होता है तो यह बड़ा अंतर होता है। दोनों छोर से दबाव होता है क्योंकि यह हमेशा जोड़ी में शिकार के बारे में होता है। बुमराह अन्य दो पर भी बड़ा प्रभाव डालते हैं।
शमी को मौजूदा विश्व कप के पहले चार मैचों के लिए बेंच पर बैठाया गया था। गांगुली इस बात से सहमत थे कि इस स्टार तेज गेंदबाज को टूर्नामेंट की शुरुआत से ही टीम में शामिल किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा, ‘हां, शमी को प्लेइंग-11 में काफी पहले खेलना चाहिए था। देखिए उन्होंने क्या प्रभाव छोड़ा है। टीम इंडिया अब रविवार को बंगलूरू में विश्व कप 2023 के अपने अंतिम लीग चरण के मैच में नीदरलैंड से भिड़ेगी।