नईदिल्ली : विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि उनका उत्तरी गाजा के अल शिफा अस्पताल से संपर्क टूट गया है. डब्ल्यूएचओ ने गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि वो गाजा में लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में बड़ी संख्या में मरीज, बच्चे, श्रमिक मौजूद हैं इसलिए युद्ध रोका जाए.
गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि गाजा के सबसे बड़े अस्पताल अल शिफा में शनिवार से अंधेरा छाया हुआ है, जिससे लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र संघ में गुरुवार (9 नवंबर) को फिलिस्तीन में इजरायली बस्तियों के खिलाफ एक अहम प्रस्ताव रखा गया. इसमें सबसे हैरान करने वाली बात ये रही कि भारत ने इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया. इस प्रस्ताव के समर्थन में 145 देशों ने अपना वोट दिया.
संघर्ष विराम से किया साफ इनकार
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन ने संघर्ष विराम से साफ इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि सेना बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही है. साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि युद्ध के बाद फिलिस्तीनी क्षेत्र (गाजा) पर कौन शासन करेगा. उन्होंने कहा कि वहां पर फिर से कब्जा करने की कोई योजना नहीं है. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने फॉक्स न्यूज से बात करते हुए बताया कि हमास के साथ युद्ध विराम का मतलब आत्मसमर्पण है.
इस प्रस्ताव से पहले अक्टूबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNSC) में जॉर्डन की ओर से एक प्रस्ताव पेश किया गया था. इस प्रस्ताव में इजरायल-हमास जंग में तत्काल मानवीय संघर्ष विराम का आह्वान किया गया था. इस प्रस्ताव के समर्थन में 120 देशों ने वोट किया, जबकि 14 देशों ने इसके खिलाफ मतदान किया. 45 देश वोटिंग से गैरहाजिर रहे थे. तब भारत ने न तो इस प्रस्ताव के समर्थन में वोट किया था और न ही खिलाफ में. भारत वोटिंग से गैरहाजिर रहा था.