नईदिल्ली : वर्ल्ड कप के पहले सेमीफाइनल मैच में भारतीय टीम न्यूज़ीलैंड को 70 रनों से हराकर फाइनल में पहुंच गई है. इस मैच में भारत ने पहले 397 रन बनाए और फिर न्यूज़ीलैंड की टीम 327 रन पर ऑल-आउट हुई. वानखेड़े स्टेडियम की इस पिच पर कुल मिलाकर 700 से ज्यादा रन बने, लेकिन मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम पर इस मैच के शुरू होने से पहले सोशल मीडिया पर कुछ लोग पिच बदलने की बात कर रहे थे.
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स, और फिर उसे पढ़ने वाले लोगों ने ऐसा दावा किया था कि भारत ने अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए पिच को स्पिन फ्रैंडली बनवाया है, ताकि धीमी पिच पर भारतीय स्पिनर्स को मदद मिले और भारतीय टीम को जीत. हालांकि, ऐसा कुछ नहीं हुआ. वानखेड़े स्टेडियम की पिच बिल्कुल फ्लैट निकली, जिसपर 700 से ज्यादा रन बने. वहीं, पूरे मैच में कुल 14 विकेट गिरे, जिनमें से स्पिनर को सिर्फ एक विकेट मिला, वो भी कुलदीप यादव का आखिरी ओवर था. वहीं, तेज गेंदबाजों ने ही बाकी सभी 13 विकेट चटकाए.
सुनील गावस्कर ने पिच बदलने की बात करने वाले लोगों को लताड़ा
इस मैच के खत्म होने के बाद टेस्ट क्रिकेट में 10 हजार रन बनाने वाले दुनिया के पहले और भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने उन सभी लोगों को लताड़ा, जो पिच विवाद की झूठी कहानी फैला रहे थे. मैच के बाद स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत करते हुए गावस्कर ने कहा कि, “वे सभी बेवकूफ जो पिच बदलने की बात कर रहे थे, अब रुक जाओ. भारतीय क्रिकेट पर आरोप लगाना बंद करो. कुछ लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए कुछ भी बातें फैला दी हैं. यह सब बकवास है. पिच वही थी, और अगर बदली भी होती तो दोनों टीम के लिए टॉस से पहले वही थी. दो पारियों के बीच में पिच पर कोई बदलाव नहीं किया गया है और नाही टॉस होने के बाद कोई बदलाव किया गया है.”
गावस्कर ने पिच बदलने वाले लोगों को लताड़ते हुए आगे कहा कि, “अच्छी टीम किसी भी पिच पर खेलती है, और जीतती है, और यदि आप एक अच्छी टीम है, तो आप उस पिच पर खेलते और जीतते हैं. भारत ने ऐसा करके दिखाया है, इसलिए पिचों के बारे में फालतू बात करना बंद करो. ये लोग पहले से ही अहमदाबाद के बारे में बात करने लगे हैं, जबकि अभी तक दूसरा सेमीफाइनल हुआ भी नहीं है, और वो लोग अहमदाबाद की पिच बदलने की बात कर रहे हैं, नॉनसेंस.”