छत्तीसगढ़

सौरव गांगुली ना होते तो.., कब्रिस्तान में प्रैक्टिस करने वाले मोहम्मद शमी की ऐसे पूर्व कप्तान ने बदली किस्मत

नईदिल्ली : आईसीससी वर्ल्ड कप-2023 के सेमीफाइनल में भारत की जीत के बाद क्रिकेटर-तेज गेंदाबाद मोहम्मद शमी देश के हीरो बन गए हैं। बुधवार (15 नवंबर, 2023) को न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए सेमीफाइनल मैच में मोहम्मद शमी ने अकेले सात विकेट लेकर भारत को शानदार जीत दिलवाई। इस जीत के बाद मोहम्मद शमी टॉप हैंडलाइन्स में बने हुए हैं। हर कोई मोहम्मद शमी के जिंदगी के संघर्षों और उनकी मेहनत के बारे में बात कर रहा है।

मोहम्मद शमी के करियर में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की बड़ी भूमिका है। सौरव गांगुली ने मोहम्मद शमी के क्रिकेट करियर में बड़ी भूमिका निभाई है। जिसका जिक्र कई बार खुद मोहम्मद शमी भी कर चुके हैं। सौरव गांगुली भी कई मौकों पर मोहम्मद शमी की गेंदबाजी की तारीफ कर चुके हैं।

कब्रिस्तान में प्रैक्टिस करते थे मोहम्मद शमी

मोहम्मद शमी उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के सहसपुर अलीनगर गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता एक किसान थे। बचपन से ही शमी को क्रिकेट खेलने का शौक था। शमी को जब भी मौका मिलता था, वो गेंदबाजी करते थे। मोहम्मद शमी के घर के पीछे एक कब्रिस्तान था, जहां वो अक्सर प्रैक्टिस करते थे। मोहम्मद शमी के पास लेदर बॉल खरीदने तक के पैसे नहीं थे, वो प्रैक्टिस टेनिस गेंद से किया करते थे।

जब बंगाल में क्रिकेट खेलने पहुंचे मोहम्मद शमी

मोहम्मद शमी ने जब लेदर बॉल से बॉलिंग करना शुरू किया तो उनके कोच बदर अहमद ने उनका बहुत साथ दिया। लोकल टूर्नामेंट में शमी की गेंदबाजी के सामने कोई नहीं टिक पाता था। लेकिन फिर भी शमी का उत्तर प्रदेश की जूनियर राज्य टीम में चयन नहीं हुआ था। जिसके बाद उनके कोच बदर अहमद ने उन्हें कोलकाता में क्लब क्रिकेट खेलने की सलाह दी। जिसके बाद शमी ने अपनी आखिरी कोशिश की और अपने कोच के कहने पर बंगाल क्रिकेट में अपनी किस्मत आजमाने के लिए पश्चिम बंगाल पहुंचे।

जब सौरव गांगुली हुए मोहम्मद शमी से इंप्रेस

इस कदम का युवा गेंदबाद मोहम्मद शमी को फल भी मिला। कोलकाता में उनके प्रयासों की प्रशंसा हुई और वह तेजी से जूनियर रैंक में पहुंचे और बंगाल रणजी ट्रॉफी टीम में बुलाए जाने की बात होने लगी। मोहम्मद शमी को एक ट्रेनिंग कैंप में बुलाया गया था और उन्हें बंगाल टीम के कुछ सीनियर क्रिकेट खिलाड़ी के लिए नेट्स में गेंदबाजी करने का अवसर मिला था। इसी दौरान उन्होंने दिग्गज खिलाड़ी महान सौरव गांगुली के लिए गेंदबाजी की और उनका ध्यान अपनी ओर खींचा।

सौरव गांगुली की नजर हमेशा प्रतिभा पर रही है। नेट्स पर युवा शमी के तीखे स्पैल का सामना करने के बाद सौरव गांगुली ने फौरन मैनेजमेंट टीम को शमी का खास ध्यान रखने और उनके खेल के लिए उनको सपोर्ट करने को कहा।सौरव गांगुली ने प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ियों को सामने लाने में अहम भूमिका निभाई, जिनमें वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह और एमएस धोनी जैसे खिलाड़ी शामिल थे, जिन्होंने खेल में शानदार करियर बनाया है।

ऐसे सौरव गांगुली के खास बन गए मोहम्मद शमी

सौरव गांगुली से मिले सपोर्ट के बाद मोहम्मद शमी ने अपने खेल को और निखारा और शमी बंगाल कैंप में नियमित हो गए। धीरे-धीरे सौरव गांगुली के साथ उनका एक खास रिश्ता बन गया। सौरव गांगुली ने शमी को अपने संरक्षण में लिया और एक क्रिकेटर के रूप में उनका पालन-पोषण किया। गांगुली के प्रभाव ने शमी को एक अनुभवी तेज गेंदबाज के रूप में ढालने में प्रमुख भूमिका निभाई है।

जब गांगुली ने फिटनेस को लेकर भी शमी को दी थी ये सलाह

मोहम्मद शमी ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि, ”हम विजय हजारे ट्रॉफी मैच में एक साथ खेल रहे थे और मैंने अभी-अभी एक विकेट लिया था।’ तो, हम (मैं और सौरव गांगुली) आसपास खड़े थे और डिंक्र ब्रेक में कुछ खा पी रहे थे। तभी दादा मेरे पास आए और मुझसे कहा, ‘तुम एक तेज गेंदबाज हो, ठीक है? फिर मुझे तुम्हारा पेट ऐसा क्यों दिख रहा है?’ ये सुनकर मैं हैरान रह गया था।”

शमी ने कहा था कि, ”दादा की कही इन बातों ने मुझे अपनी फिटनेस पर कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। उस बातचीत के बाद मैंने फिटनेस को गंभीरता से लिया। मुझे चोटों से थोड़ा जूझना पड़ा और मेरा वजन 93 किलो तक बढ़ गया। लेकिन मैंने इसे सहजता से लिया, खुद को फिटनेस और आहार के बारे में शिक्षित किया और कुछ ही महीनों में लगभग 20 किलो वजन कम कर लिया। अब मुझे खेलते वक्त चोटें कम लगती है।’