छत्तीसगढ़

संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर सरकार ने 2 दिसंबर को बुलाई सर्वदलीय बैठक, प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष से मांगा सहयोग

नईदिल्ली : केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने 4 दिसंबर से शुरू होने जा रहे संसद के आगामी शीतकालीन सत्र को वर्तमान लोकसभा का अंतिम सत्र बताते हुए विपक्ष से सहयोग करने और चर्चा में शामिल होने की अपील की है.

जोशी ने बुधवार (29 नवंबर) को दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि संसद का आगामी शीतकालीन सत्र 4 दिसंबर से शुरू हो रहा है और सरकार ने 2 दिसंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है. उन्होंने कहा कि सरकार ने फिलहाल सत्र के लिए 24 विधेयकों को तय किया है, आने वाले एक-दो दिनों में इसकी सूची को फाइनल कर लिया जाएगा और सरकार सर्वदलीय बैठक में सभी दलों को इसके बारे में जानकारी देगी.

शीतकालीन सत्र में कौन-कौन से विधेयक किए जा सकते है पेश?

जोशी ने शीतकालीन सत्र को वर्तमान लोकसभा का अंतिम सत्र बताते हुए विपक्षी दलों से सहयोग करने और सदन में चर्चा में शामिल होने का भी अनुरोध किया. सरकार शीतकालीन सत्र के दौरान तेलंगाना में सेंट्रल ट्राइबल यूनिवर्सिटी स्थापित करने और जम्मू कश्मीर और पुड्डुचेरी विधानसभा में महिलाओं को आरक्षण देने सहित सात नए विधेयकों को सदन में पेश कर सकती है.

वहीं, इसके साथ ही सरकार ने आईपीसी, सीआरपीसी और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह लेने वाले भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 के साथ-साथ मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित विधेयक सहित 18 विधेयकों को भी सत्र के लिए लिस्ट किया है.

कब से कब तक चलेगा संसद का शीतकालीन सत्र?

संसद का शीतकालीन सत्र इस बार 4 दिसंबर को शुरू होने जा रहा है और इसके 22 दिसंबर तक चलने की संभावना है. शीतकालीन सत्र के 19 दिनों के दौरान 15 बैठकें होंगी. संसद का यह शीतकालीन सत्र पांच राज्यों के चुनावी नतीजे आने के अगले दिन से शुरू होने जा रहा है और ऐसे में चुनावी नतीजों का असर संसद सत्र की कार्यवाही पर भी पड़ना तय है.

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम विधान सभा चुनाव की मतगणना 3 दिसंबर को होनी है और इसके अगले दिन यानी 4 दिसंबर से संसद का यह शीतकालीन सत्र शुरू होने जा रहा है.

क्या महुआ मोइत्रा को लेकर आएगा प्रस्ताव?

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला अगर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द करने की एथिक्स कमेटी की सिफारिश को स्वीकार कर लेते हैं तो उनकी सदस्यता रद्द करने का प्रस्ताव भी संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान ही लोक सभा में रखा जा सकता है.