छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : सिंहदेव के सीएम बनने का सपना हुआ चकनाचूर, सरगुजा में पार्टी का सूपड़ा हुआ साफ

रायपुर। जिस सरगुजा संभाग को टीएस सिंहदेव का गढ़ माना जाता रहा है। सरगुजा के जिला मुख्यालय अंबिकापुर की सीट से तीन बार टीएस सिंहदेव विधायक रहे। पिछले चुनाव में उन्होंने संभाग की सभी की सभी 14 सीटें पार्टी को जिताई थीं, वे संभाग की सभी सीटों के साथ खुद अपनी सीट भी हार बैठे हैं। इस बड़े उलटफेर के साथ ही सिंहदेव के सीएम बनने का सपनों का शीशमहल चकनाचूर हो गया है। डिप्टी सीएम पद के साथ ही अब उनकी राजनीतिक पारी लगभग खत्म हो गई है। क्योंकि वे पहले ही कह चुके हैं कि ये उनका आखिरी चुनाव है।

डिप्टी सीएम को भाजपा के राजेश अग्रवाल ने सिंहदेव को महज 157 वोटों से मात दी है। आपको बता दें कि लखनपुर नगर पंचायत के अध्यक्ष रह चुके राजेश अग्रवाल जब नामांकन दाखिल करने पहुंचे थे, तो उनकी वहां टीएस सिंहदेव से भेंट हुई थी। तब राजेश अग्रवाल ने पांव छूकर आशीर्वाद भी लिया था। उन्होंने पांव छूकर बाबा को चुनावी मैदान में पटखनी दे दी है। हालांकि सिंहदेव ने रिकाउंटिंग की मांग की है। वोटों का अंतर महज 157 ही है, इसलिए नतीजे में आगे फिर से उलटफेर की भी संभावना है। लेकिन फिलहाल जो नतीजे आए हैं, उसमें टीएस सिंहदेव चुनाव हार गए हैं।

साल 2008, 2013 और 2018 में इस सीट से लगातार तीन बार जीतते आ रहे टीएस सिंहदेव के लिए ये शिकस्त बड़ा झटका है। छत्तीसगढ़ में ‘बाबा’ के नाम से मशहूर टीएस सिंहदेव सरगुजा रियासत के राजा हैं। यूपी में जन्मे, मध्य प्रदेश में पढ़े लिखे और छत्तीसगढ़ की राजनीति करने वाले टीएस सिंहदेव का कद वक्त के साथ बढ़ता चला गया। साल 2014 में वे नेता प्रतिपक्ष रहे। साल 2018 में चुनाव से ठीक पहले उन्हें डिप्टी सीएम बना दिया गया। अबकी बार कांग्रेस की सरकार बनने पर उनके मुख्यमंत्री बनने की बातें कही जा रही थीं। वे खुद भी कई बार इच्छा जता चुके थे और उनके परिजन के साथ समर्थक उत्साहित थे कि टीएस सिंहदेव इस बार मुख्यमंत्री बनेंगे। लेकिन बाबा अपनी सीट के साथ पूरा संभाग गंवा बैठे हैं।