चेन्नई : तमिलनाडु के मंत्री और डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी भाजपा पर ‘सनातन धर्म’ पर उनकी टिप्पणी को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया है। चुनावी नतीजों वाले दिन रविवार को करूर जिले में एक युवा कैडर बैठक में उदयनिधि स्टालिन ने ‘सनातन धर्म’ पर दिए अपने बयानों के विवादों पर चुप्पी तोड़ी है।
उदयनिधि स्टालिन ने अपने दिए बयान को लेकर विवादों में आए थे। उसमें उन्होंने सनातन धर्म की तुलना “मच्छरों, डेंगू, मलेरिया, बुखार और कोरोना” से की थी और इसके उन्मूलन का आह्वान किया था। अब उदयनिधि ने मध्यप्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपने भाषण को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया है।
उदयनिधि स्टालिन ने कहा, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्यप्रदेश में चुनाव प्रचार में मेरे बारे में बात की। उन्होंने (पीएम मोदी) कहा कि मैंने नरसंहार का आह्वान किया है, लेकिन उन्होंने ऐसी बातें कही जो मैंने नहीं कही हैं। मैंने एक सम्मेलन में भाग लिया और तीन मिनट तक बोला। मैंने कहा कि बिना किसी भेदभाव के सभी के साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं है तो भेदभाव खत्म किया जाना चाहिए लेकिन उन्होंने इसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया है, बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया है और पूरे भारत में मेरे बारे में बात करने को मजबूर कर दिया है।”
माफी मांगने पर क्या बोले उदयनिधि स्टालिन?
भारी विरोध का सामना करने पर उदयनिधि स्टालिन ने कहा, ”किसी बाबा ने 5-10 करोड़ रुपये के इनाम की घोषणा की थी। फिलहाल मामला कोर्ट में चल रहा है और मुझे कोर्ट पर भरोसा है। मुझसे अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगने को कहा गया, लेकिन मैंने कहा कि मैं माफी नहीं मांग सकता। मैंने कहा कि मैं स्टालिन का बेटा, करुणानिधि का पोता हूं और मैं केवल उनको फॉलो करूंगा और उनकी विचारधारा का समर्थन कर रहा था।”