बस्तर : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं और 54 सीटों के साथ बीजेपी (BJP) प्रदेश में सरकार बना रही है. एक तरफ जहां कांग्रेस अपनी हार को लेकर मंथन कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी पूरे प्रदेश भर में जश्न मना रही है. बस्तर संभाग की 12 विधानसभा सीटों में से 8 पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है जबकि कांग्रेस चार सीटों पर सिमट कर रह गई है. बस्तर की लगभग 8 विधानसभा सीटों में तीसरे स्थान पर नोटा में वोट पड़े हैं यानी कि बीजेपी-कांग्रेस के प्रत्याशी के बाद तीसरे स्थान पर कोई भी प्रत्याशी नोटा से ज्यादा वोट नहीं ले पाया है. सबसे ज्यादा दंतेवाड़ा में 8 हजार 438 लोगों ने नोटा पर बटन दबाया है और पूरे बस्तर संभाग के 12 विधानसभा सीटों में कुल 51 हजार 637 वोट नोटा को पड़े हैं.
दरअसल, छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में पिछले बार की तरह ही इस बार नोटा का बस्तरवासियों ने जमकर इस्तेमाल किया है. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में यह बटन सबसे अंत में था. हालांकि आलम यह है कि बस्तर संभाग के 12 में 8 विधानसभा सीटो में नोटा तीसरा स्थान पर रहा है. वहीं 3 सीटों में चौथे और एक सीट में पांचवें स्थान पर रहा. पिछले दो चुनाव में यह देखा जा रहा है कि बस्तरवासी प्रत्याशियों के पसंद ना आने पर नोटा पर बटन दबा रहे हैं.
हार और जीत पर डाला असर
माना जा रहा था कि छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस या फिर सर्व आदिवासी समाज और आप के प्रत्याशियों को बीजेपी-कांग्रेस के बाद ज्यादा वोट मिल सकते हैं, लेकिन 8 विधानसभा सीटों में ऐसा देखने को नहीं मिला और तीसरे नंबर पर नोटा पर ही सबसे ज्यादा वोट पड़े. इधर नोटा में वोट पड़ने से इससे बीजेपी और कांग्रेस को भी नुकसान हुआ है. बस्तर की ऐसी कई सीट है जिसमें कम मार्जिन से कहीं बीजेपी प्रत्याशी की जीत हुई है तो कहीं कांग्रेस के प्रत्याशी की जीत हुई है. अगर इन सीटों में नोटा की जगह बीजेपी- कांग्रेस को वोट पड़ता तो नतीजे भी बदल सकते थे.
नोटा वोट के आंकड़े
बस्तर संभाग के 12 विधानसभा सीटों से मिले आंकड़ों के मुताबिक नोटा बटन पर कुल 51 हजार 637 वोट पड़े हैं. इनमें अंतागढ़ में 4245, भानुप्रतापपुर में 2305, नारायणपुर में 5312, बस्तर में 2738, चित्रकोट में 7310, जगदलपुर में 2836, केशकाल में 4292, दंतेवाड़ा में 8438 और कोंटा विधानसभा में 3691, बीजापुर में 3628, कोंडागांव में 3214 और कांकेर विधानसभा सीट में 2729 वोट पड़े हैं.