छत्तीसगढ़

IND vs SA: साउथ अफ्रीका के खिलाफ सचिन समेत टीम इंडिया के खिलाड़ियों पर लगा था बॉल टेम्परिंग का आरोप, फिर भारतीय संसद तक पहुंच गया मामला

नईदिल्ली : साल 2001 में भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका का दौरा किया था. भारतीय टीम का यह दौरा विवादों से भरा रहा था. इस दौरान खूब उतार-चढ़ाव देखने को मिले. दरअसल, साल 2001 में भारत और साउथ अफ्रीका के बीच सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच खेला जा रहा था. दोनों टीमें पोर्ट एलिजाबेथ में आमने-सामने थी. इस मैच के दौरान ऐसा विवाद हुआ कि जिसकी गूंज भारतीय संसद तक में सुनाई दी. भारतीय संसद ने मैच रेफरी माइक डेनिस को नस्लवादी करार दिया गया.

संसद ने मैच रेफरी माइक डेनिस को नस्लवादी करार दिया…

इस मुकाबले में मैच रेफरी माइक डेनिस ने सचिन तेंदुलकर पर गेंद से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था, जिसे सुनकर सभी खिलाड़ी हैरान रह गए. वहीं, इस विवाद के बाद तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, कप्तान सौरव गांगुली, हरभजन सिंह, शिव सुंदर दास और दीप दासगुप्ता को एक टेस्ट मैच के लिए बैन कर दिया गया. इसके बाद देखते ही देखते भारत में नाराजगी फैल गई. मामला भारतीय संसद तक पहुंच गया. भारतीय संसद ने मैच रेफरी माइक डेनिस को नस्लवादी करार दिया. साथ ही भारतीय टीम के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया.

तीसरे टेस्ट के लिए रेफरी माइक डेनिस को हटा दिया गया…

इस विवाद ने इतना तूल पकड़ लिया कि बीसीसीआई ने साउथ अफ्रीका दौरे से बीच में ही आने की धमकी तक दे डाली. लेकिन इसके बाद तीसरे टेस्ट के लिए रेफरी माइक डेनिस को हटा दिया गया. फिर जाकर मामला ठंडा हुआ. दरअसल, इस विवाद ने उस वक्त काफी सुर्खियां बटोरी थी. साथ ही यह क्रिकेट इतिहास के सबसे बड़े विवादों में एक माना जाता है.