रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद चुनाव में हारे हुए सभी प्रत्याशी अपनी हार की वजह तलाश रहे हैं. प्रदेश के बस्तर संभाग की 12 विधानसभा सीटों में बीजेपी भले ही 8 सीटों पर जीत कर आई है, लेकिन वहीं सबसे हाई प्रोफाइल सीटों में से एक बीजापुर विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी और पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने अपनी हार की वजह स्थानीय जिला प्रशासन को बताया है. महेश गागड़ा ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजापुर कलेक्टर राजेंद्र कटारा ने चुनाव में कांग्रेस के एजेंट के रूप में काम किया है.
चुनाव में आचार संहिता के समय कलेक्टर भारतीय प्रशासनिक अधिकारी के गौरव को ताक पर रखकर कांग्रेस के एजेंट बन गए थे और लगातार अधिकारी कर्मचारी और सचिवों की मीटिंग कर कांग्रेस को सपोर्ट करने की बात कह रहे थे, जिसकी चुनाव आयोग से शिकायत भी हुई थी। कलेक्टर का लगातार विधायक के घर जाकर बैठना उनसे बात करना विधायक का कलेक्टर कार्यालय में आना यह सब इंगित करता है कि कलेक्टर को कांग्रेस कार्यकर्ताओं से ज्यादा विधायक को चुनाव जीताने की चिंता थी. इस वजह से प्रशासन ने जनादेश को कुचलने का काम कर उन्हें हराया है.
बीजेपी प्रत्याशी ने लगाया प्रशासन पर आरोप
दरअसल चुनाव नतीजे सामने आने के बाद बीजापुर के बीजेपी प्रत्याशी महेश गागड़ा ने प्रेस वार्ता किया और प्रशासन पर जनादेश को कुचलने का आरोप लगाया. गागड़ा ने कहा कि कलेक्टर राजेंद्र कटारा और एसपी आंजनेय वार्ष्णेय शुरू से ही कांग्रेस प्रत्याशी विक्रम मंडावी के पक्ष में काम कर रहे थे. इस विषय में वह पहले भी शिकायत कर चुके हैं. बीजापुर की आम जनता ने भय भ्रष्टाचार और सुशासन के विरुद्ध मतदान किया था. जिसे प्रशासन की तरफ से कुचला गया है. गागड़ा ने प्रशासन को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि जिन्होंने हमारे रास्ते में कांटे बोए हैं. उन्हें कांटा ही मिलेगा.
सुरक्षा के नाम पर एसपी की तरफ से बीजेपी कार्यकर्ताओं के घर जाकर उन्हें डराया गया. जिसका उद्देश्य था, बीजेपी के कार्यकर्ता अपने घरों से न निकलें और प्रचार में न जा पाएं. यही नहीं नकली माओवादी पर्चा का डर दिखाकर बीजेपी के कार्यकर्ताओं को डराया गया. जिसका सबूत भी मिल गया है. अगर प्रशासन इस पर कार्यवाही नहीं करता है तो अब राज्य में बीजेपी की सरकार है और हम दोषी को बख्शेंगे नहीं, स्थानीय प्रशासन ने विधानसभा चुनाव को भरपूर रूप से प्रभावित किया, जिसका नतीजा यह हुआ कि यहां पर जनाधार हार गया और प्रशासन कपट पूर्ण कार्यों के चलते जीत गया.
महेश गागड़ा के आरोप पर विक्रम मंडावी ने किया पलटवार
वहीं इस मामले में बीजापुर चुनाव में निर्वाचित कांग्रेस के विधायक विक्रम मंडावी ने महेश गागड़ा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुनाव होते हैं. चुनाव के दौरान जनता अपनी मनपसंद से आगामी 5 सालों के लिए अपना जनप्रतिनिधि चुनती है. इसी प्रक्रिया के तहत बीजापुर की जनता ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी विक्रम मंडावी पर अपना भरोसा जताते हुए लोकतांत्रिक रूप से अपना जनप्रतिनिधि चुन लिया है. बीजेपी के पूर्व विधायक और प्रत्याशी लगातार दो बार चुनाव हार चुके हैं.
इसी हार से बौखलाकर बीजापुर में शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुए चुनाव पर ऊलजुलूल बयान बाजी कर बीजापुर जिले के मतदाताओं का अपमान करने में लगे हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी प्रत्याशी महेश गागड़ा 2008 और 2013 में विधायक निर्वाचित हुए थे और बीजेपी की सरकार भी बनी थी और मंत्री भी बन गए थे. तो क्या पूर्व विधायक महेश गागड़ा को उस समय जिले के कलेक्टर और एसपी ने उन्हें चुनाव जिताया था या फिर बीजापुर जिले की जनता ने उन्हें चुनाव जीताया था. उन्हें इस बात का खुलासा करना चाहिए.