नईदिल्ली : देश के 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में से 3 हिंदी भाषी प्रदेशों में बीजेपी ने जीत का परचम लहराया है. इसे लेकर डीएमके सांसद डीएनवी सेंथिलकुमार एस ने संसद में हिंदी पट्टी राज्यों का हवाला देते हुए ”गौमूत्र” का बयान देकर बखेड़ा खड़ा कर दिया है. उनके बयान की संसद के भीतर और बाहर कड़ी आलोचना की जा रही है. कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने डीएमके नेताओं की इस तरह की लगातार की जा रही टिप्पणियों पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है.
कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि डीएमके नेताओं की अगर इस तरह की हरकत रहीं और सनातन धर्म के खिलाफ ऐसे बकवास करते रहे तो गौमूत्र ही नहीं, बल्कि सांड वाले राज्यों में भी बीजेपी का परचम लहराएगा.
डीएमके नेताओं को बताया आसुरी शक्ति
उन्होंने कहा कि संसद में गौमूत्र छिड़कने का सवाल है तो वो वैसे से ही मंदिर है. ‘पंच गव’ मंदिर में प्रयोग होता ही है. कांग्रेस नेता कृष्णम ने एक सवाल के जवाब में यह भी कहा कि डीएमके के नेता सब रावण के खानदान के लोग हैं. आसुरी शक्ति हैं. यह सब भारत को बर्बाद करना चाहते हैं. इनका मकसद सनातन धर्म को खत्म करने का है. यह भारतीय लोकतंत्र को भी खत्म करना चाहते हैं.
‘सम्मेलन में सनातन धर्म को बताया था मलेरिया, डेंगू की तरह’
द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके) नेता और तमिलनाडु सरकार के युवा कल्याण एवं खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन की ओर से भी पिछले दिनों सनातन धर्म को लेकर बयान दिया था जिस पर खूब बवाल हुआ था. स्टालिन ने ‘सनातन धर्म को मिटाने’ के मुद्दे को लेकर हो रहे एक सम्मेलन में कहा था, ”सनातन धर्म मलेरिया, डेंगू की तरह है जिसे मिटाना जरूरी है.”
उन्होंने कहा था, “ऐसी कुछ चीजें होती हैं जिनका विरोध करना काफी नहीं होता, हमें उन्हें समूल मिटाना होगा. मच्छर, डेंगू बुखार, मलेरिया, कोरोना ये ऐसी चीजें हैं जिनका हम केवल विरोध नहीं कर सकते हमें इन्हें मिटाना होगा. सनातन भी ऐसा ही है.”
उदयनिधि के बयान पर भी मचा था सियासी घमासान
उदयनिधि स्टालिन के इस बयान ने पूरे देश में राजनीति को दो धड़ों में बांट दिया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विधानसभा चुनाव प्रचार को लेकर आयोजित रैलियों व जनसभाओं में इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस, विपक्षी दल की दूसरी पार्टियों और दक्षिण भारत का नेतृत्व करने वाले दलों पर खूब निशाना साधा था.