जम्मू : जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को निष्प्रभावी किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (11 दिसंबर) को अपने ऐतिहासिक फैसले में वैध करार दिया है. मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने स्पष्ट कर दिया है कि जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 अस्थाई था और इसे हटाने का अधिकार राष्ट्रपति को है.
इसके साथ ही इस अनुच्छेद को पुनर्बहाल करने की याचिकाओं का कोर्ट ने निस्तारण कर दिया है. इस पर जम्मू कश्मीर के नेताओं ने निराशा जाहिर की है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस छोड़कर डेमोक्रेटिक प्रगतिशील आजाद पार्टी का गठन करने वाले चर्चित नेता गुलाम नबी आजाद ने भी इस फैसले पर मायूसी जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि एक उम्मीद थी जो खत्म हो गई.
“पूरे हिंदुस्तान से लोग जम्मू कश्मीर आएंगे”
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी ने कहा है, ”हमारी आखिरी उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट इस पर सुनवाई करे. तीन-चार महीने तक इस पर सुप्रीम कोर्ट में बहस हुई. इसके बाद एक पूर्ण बहुमत से जो फैसला आया है उससे जम्मू कश्मीर के लोग खुश नहीं हैं. मैं आज भी समझता हूं कि यह हमारे क्षेत्र के लिए 370 और 35 ए ऐतिहासिक चीज थी और हमारे जज्बात से जुड़ी थी. जिस 35 ए को महाराज हरि सिंह ने बनाया था, जब हमारा संविधान बना तो उसे शामिल किया गया था, लेकिन इसे भी खत्म कर दिया गया है.”
उन्होंने कहा, “इससे हमारी अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा. जमीनें महंगी हो जाएंगी, पूरे हिंदुस्तान से लोग जम्मू कश्मीर आएंगे. हमारी सबसे बड़ी इंडस्ट्री पर्यटन और सरकारी नौकरी है लेकिन अब पूरे देश के लोग इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं. इससे हमारे बच्चों के लिए बेरोजगारी बढ़ेगी. जब 370 लागू किया गया था तो इन सब बातों को ध्यान रखा गया था. मैं यह नहीं कह सकता कि कोर्ट से भरोसा उठ गया लेकिन एक उम्मीद थी जो खत्म हो गई.”