छत्तीसगढ़

42 साल के हुए युवराज सिंह, भारतीय टीम के योद्धा जिन्होंने खून की उल्टियां करते हुए जिताया था वर्ल्ड कप

नईदिल्ली : भारतीय क्रिकेट टीम के इतिहास में अगर सबसे महान खिलाड़ियों की लिस्ट बनाई जाएगी, तो उसमें युवराज सिंह का नाम टॉप-5 में जरूर आएगा. युवराज सिंह ने भारत को एक नहीं बल्कि दो-दो वर्ल्ड कप में जीत दिलाने में अहम और सबसे खास भूमिका निभाई है. आज युवराज सिंह 42 साल के हो गए हैं, और अपना जन्मदिन मना रहे हैं. 

युवराज सिंह का अंतरराष्ट्रीय डेब्यू

युवराज सिंह का जन्म 12 दिसंबर 1981 को हुआ था. पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ के रहने वाले युवराज सिंह ने अपना डेब्यू महज 19 साल की उम्र में कर लिया था. उन्होंने सबसे पहले 3 अक्टूबर, 2000 में वनडे डेब्यू किया था, और उसके बाद 16 अक्टूबर 2003 को टेस्ट फॉर्मेट में डेब्यू किया था, जबकि उनका टी20 डेब्यू 13 सितंबर, 2007 को हुआ था।

युवराज सिंह बाएं हाथ के मध्यक्रम बल्लेबाज थे, जिन्होंने व्हाइट बॉल क्रिकेट में कई सालों तक टीम इंडिया की नंबर-4 पोजिशन को संभाले रखा था. इसके अलावा युवराज बाएं हाथ स्लो ऑर्थोडॉक्स स्पिन गेंदबाजी भी करते थे, और अपनी गेंदबाजी के दम पर भी उन्होंने कई बार टीम इंडिया को बड़े मैचों में जीत दिलाई है.

युवराज सिंह का रन और रिकॉर्ड्स

युवराज सिंह ने अपने करियर में 304 वनडे मैच खेले थे, जिनकी 278 पारियों में 36.55 की औसत, और 87.67 की स्ट्राइक रेट से कुल 8701 रन बनाए थे. इस दौरान युवराज ने 14 शतक, और 52 अर्धशतक भी लगाए थे, जबकि उनका बेस्ट स्कोर 150 रनों का था।

टी20 फॉर्मेट में युवराज ने कुल 58 मैच खेले, जिनकी 51 पारियों में 28.02 की औसत, और 136.38 की स्ट्राइक रेट से कुल 1177 रन बनाए. इस दौरान युवराज ने 8 बार अर्धशतकीय पारियां खेली, और उनका बेस्ट स्कोर नाबाद 77 रनों का था.

टेस्ट फॉर्मेट में युवराज सिंह ने कुल 40 मैच खेले थे, जिनकी 62 पारियों में कुल 33.92 की औसत से उन्होंने 1900 रन बनाए थे। इस दौरान युवराज ने 3 शतक, और 11 अर्धशतक भी लगाए थे, जबकि उनका बेस्ट स्कोर 169 रनों का था.

2011 वर्ल्ड कप में युवी ने 362 रन बनाए थे और 15 अहम विकेट भी झटके थे. मगर यह वर्ल्ड कप युवी के लिए काफी दर्दभरा रहा था. उन्होंने टीम को चैम्पियन जरूर बनाया, लेकिन उनकी हालत बेहद खराब हो गई थी. उन्होंने खून की उल्टियां करते हुए बल्लेबाजी की थी. वो मैदान पर डटे रहे और छक्के-चौके जमाते हुए भारत को खिताब जिताया.

बता दें कि 2011 वर्ल्ड कप के दौरान युवराज कैंसर की गिरफ्त में आए थे, लेकिन उन्होंने अपनी बीमारी को छुपाकर टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था. उस वर्ल्ड कप में एक ओर युवराज मैदान पर गेंदबाजों की धुलाई कर रहे थे, दूसरी तरफ वो खून की उल्टियां करते थे.

मुंह से खून निकलने के बावजूद खेली मैच विनिंग पारी

ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ क्‍वार्टर फाइनल मैच में युवराज के मुंह से खून रिस रहा था. किसी को भनक तक नहीं थी कि युवराज को कैंसर है. मुंह से खून निकलने के बावजूद युवी ने इस क्‍वार्टर फाइनल मुकाबले में 65 गेंदों पर 57 रनों की नाबाद मैच विनिंग पारी खेली थी. साथ ही 44 रन देकर 2 विकेट भी लिए थे. इसके चलते युवी को प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना गया था. यह मैच भारत ने 5 विकेट से जीता था.

युवी को कैंसर के इलाज के लिए बोस्टन जाना पड़ा था. एक साल से ज्यादा समय तक कैंसर की जंग में युवराज को आखिरकार जीत मिली थी. क्रिकेट के जानकारों का मानना था कि युवराज अब शायद कभी क्रिकेट के मैदान पर वापसी न कर पाएं. मगर युवी ने हार नहीं मानी और उन्‍होंने कैंसर को मात देते हुए जबरदस्त वापसी की. इसके बाद युवी ने जून 2019 में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया था.

युवराज सिंह की खास उपलब्धियां

  • 2000 चैंपियंस ट्रॉफी क्वार्टर फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच बने.
  • युवराज सिंह ने टी20 वर्ल्ड कप 2007 जीतने में अहम भूमिका निभाई.
  • 2007 टी20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में 6 छक्के लगाए.
  • 2007 टी20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ 12 गेंदों में सबसे तेज 50 रन बनाए.
  • 2007 टी20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया की बेस्ट टीम के खिलाफ 30 गेंदों में 70 रनों की शानदार पारी खेली.
  • 2007 टी20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल के प्लेयर ऑफ द मैच बने.
  • 2011 वर्ल्ड कप के क्वार्टर फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच बने.
  • 2011 वर्ल्ड कप में बनाए 362 रन और चटकाए 15 विकेट.
  • 2011 वर्ल्ड कप के प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बने.
  • चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे.
  • आईपीएल चैंपियन टीम का हिस्सा रहे.