छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : कैबिनेट विस्तार में देरी पर कांग्रेस ने उठाया सवाल, कहा- 5 साल सरकार नहीं चला पाएगी बीजेपी

रायपुर : छत्तीसगढ़ में 13 दिसंबर को विष्णु देव साय ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. इसके साथ अरुण साव और विजय शर्मा ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली. लेकिन दो दिन बीत जाने के बाद भी कैबिनेट के बाकी मंत्रियों के नाम जारी नहीं किए गए हैं. इसको लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर तंज कसना शुरू कर दिया है. कांग्रेस ने तो यहां तक दावा कर दिया कि बीजेपी 5 साल तक अपनी सरकार नहीं चला पाएगी.

दरअसल छत्तीसगढ़ में 13 मंत्रियों के साथ कैबिनेट का गठन किया जा सकता है. इसमें से बीजेपी के 3 नेताओं को जिम्मेदारी मिल चुकी है. लेकिन मंत्रिमंडल के 10 नामों को लेकर अब तक सस्पेंस की स्थिति है. बीजेपी पूरी कैबिनेट के साथ कब तक सरकार में आएगी. इसको लेकर अब कांग्रेस की तरफ से लगातार सवाल उठाए जा रहे है. इसके साथ तंज कसते हुए कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी अपने वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा कर रही है.

कांग्रेस ने कहा – बीजेपी 5 साल तक सरकार नहीं चला पाएगी
रायपुर में शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि ”पूर्ण बहुमत मिलने के बाद भी बीजेपी मुख्यमंत्री के नाम का चयन नहीं कर पा रही थी. अब मंत्रिमंडल के सदस्यों के नाम का चयन नहीं हो पा रहा है. इसके पीछे कारण यह है कि वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा की जा रही है. पांच और छह बार जीते हुए विधायकों की उपेक्षा कर नए लोगों को अवसर दिया गया है. इसके कारण बीजेपी में बहुत ज्यादा असंतोष की स्थिति है. मुझे नहीं लगता कि ये सरकार 5 साल तक चल पाएगी.”

बीजेपी ने अभी से जनता को ठगना शुरू कर दिया- कांग्रेस
इसके आगे सुशील आनंद शुक्ला ने बीजेपी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव से पहले जब मोदी की गारंटी जारी की गई थी तब कहा गया था की सरकार बनते ही किसानों से 3100 रुपए में धान खरीदी होगी. इसके साथ प्रति एकड़ में 21 क्विंटल धान की खरीदी की जाएगी. उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान कई जगह कहा था कि किसानों का 2 लाख रुपए तक कर्जा माफ होगा. दिसंबर महीने में महिलाओं को प्रति महीने 1 हजार रुपए महतारी वंदन योजना के तहत दिया जाएगा. लेकिन दुर्भाग्यजनक बात ये है कि पहली कैबिनेट में इसपर कोई फैसला नहीं लिया गया है. उलटे इन्होंने कह दिया हमारी सरकार 5 साल में वादों को पूरा करेगी. यानी बीजेपी ने पहली कैबिनेट मीटिंग में वादाखिलाफी कर दिया. जनता को ठगने का काम एकबार फिर से शुरू कर दिया है.