छत्तीसगढ़

क्या लोकसभा चुनाव में होगा शिवराज और वसुंधरा का अहम रोल? जानें मुख्यमंत्री पद जाने के बाद कहां हैं बाकी बीजेपी नेता

नईदिल्ली : बीजेपी ने विधानसभा चुनाव 2023 में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बंपर जीत के बाद मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री पद के लिए नए चेहरों को चुना है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में डॉक्टर मोहन यादव, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में भजनलाल शर्मा ने शपथ ली है. ऐसे में अब इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि इन राज्यों में बीजेपी पुराने अनुभवी और कद्दावर नेताओं को कहां सेट करेगी.

दरअसल, छत्तीसगढ़ में पार्टी ने डॉक्टर रमन सिंह को विधनसभा स्पीकर का पद दिया है, लेकिन शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे के पद को लेकर अभी भी चर्चाओं का बाजार गर्म है. ऐसे में इन्हें सरकार या केंद्रीय राजनीति में बड़ा रोल दिया जाएगा ये अभी तक तय नहीं हुआ है. साल 2018 के चुनाव में बीजेपी को इन तीनों राज्यों में शिकस्त के बाद सत्ता से बाहर होना पड़ा था, तब पार्टी ने शिवराज सिंह चौहान, डॉक्टर रमन सिंह और वसुंधरा राजे को राष्ट्रीय संगठन में उपाध्यक्ष बना दिया था. 

‘मैं दिल्ली नहीं जाऊंगा’
वहीं शिवराज सिंह चौहान ने सीधा कह दिया है कि मैं दिल्ली नहीं जाऊंगा. ऐसे में क्या अब बीजेपी सूबे की किसी सीट से 2024 के लोकसभा चुनाव में शिवराज को उतारेगी या पार्टी प्रदेश-राष्ट्रीय संगठन में कोई ओहदा देकर उनको एडजस्ट करेगी, ये तो वक्त ही बताएगा. लेकिन सीएम पद से हटने के बाद बीजेपी के पुराने नेता अब किस पद पर हैं आईये ये जानते हैं.

उमा भारती को मिला था ये पद
मध्य प्रदेश में बीजेपी ने साल 2003 का विधानसभा चुनाव उमा भारती के नेतृत्व में लड़ा और जीत के बाद उमा भारती मुख्यमंत्री बनीं. हालांकि, आठ महीने ही उन्हें सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद वह यूपी से बीजेपी के टिकट पर विधानसभा पहुंचीं. वह केंद्र की मोदी सरकार में भी मंत्री रहीं, लेकिन अभी उमा भारती पार्टी में किसी खास पोजीशन पर नहीं हैं.

कोश्यारी को मिला था ये पद
वहीं भगत सिंह कोश्यारी उत्तराखंड के दूसरे मुख्यमंत्री थे. साल 2002 के उत्तराखंड चुनाव में बीजेपी की हार के बाद वह विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे. भगत सिंह कोश्यारी सीएम पद से हटने के बाद 2007 से 2009 तक उत्तराखंड बीजेपी के अध्यक्ष, 2008 से 2014 तक उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य और 2014 के लोकसभा चुनाव में नैनीताल सीट से सांसद भी रहे. साल 2019 के चुनाव में बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया. इसके बाद भगत सिंह कोश्यारी महाराष्ट्र के राज्यपाल भी रहे. फिलहाल अभी वह राजनीति से दूर हैं.

रमेश पोखरियाल को मिला था ये पद
वहीं रमेश पोखरियाल निशंक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे हैं. उत्तराखंड के सीएम पद से हटने के बाद निशंक केंद्र की सियासत में सक्रिय हैं. रमेश पोखरियाल निशंक केंद्र सरकार में कई अहम मंत्रालय संभाल चुके हैं. फिलहाल वह सांसद हैं. वहीं त्रिवेंद्र सिंह रावत 2017 से 2021 तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे. उत्तराखंड चुनाव से करीब एक साल पहले बीजेपी ने सूबे में सीएम बदल दिया, जिसके बाद वह संगठन में सक्रिय हैं. 

रघुबर दास को मिला था ये पद
रघुबर दास 2014 से 2019 तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहे. चुनाव में बीजेपी हार गई और सूबे में सरकार चलाने का जनादेश झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) को मिला. विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार के बाद रघुबर दास को सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी. इसके बाद भी रघुबर एक्टिव पॉलिटिक्स में एक्टिव थे. फिलहाल अभी रघुबर दास ओडिशा के राज्यपाल हैं.

आनंदीबेन को मिला था ये पद

वहीं नरेंद्र मोदी को बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार घोषित किया था. बीजेपी की जीत के बाद नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने और गुजरात में सरकार की कमान आनंदीबेन पटेल को सौंपी गई. आनंदीबेन थोड़े ही समय इस पद पर रहीं. अभी आनंदीबेन उत्तर प्रदेश की राज्यपाल हैं.