नईदिल्ली : ज्ञानवापी सर्वे की रिपोर्ट भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को आज जिला अदालत में दाखिल करनी है। बीते 11 दिसंबर को एएसआई की ओर से कहा गया था कि सुपरिंटेंडिंग आर्कियोलॉजिस्ट अविनाश मोहंती का ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ने और तबीयत खराब होने की वजह से वह अदालत में पेश होकर रिपोर्ट दाखिल कर पाने में असमर्थ हैं। इसलिए रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय और दिया जाए। इस पर जिला जज की अदालत ने एक हफ्ते की मोहलत और देते हुए रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 18 दिसंबर की तिथि नियत की थी।
जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश के आदेश से ज्ञानवापी परिसर (सील वजूखाने को छोड़ कर) में एएसआई ने बीते 24 जुलाई को सर्वे का काम शुरू किया था। एएसआई की ओर से दो नवंबर को अदालत को बताया गया कि सर्वे का काम पूरा हो चुका है। रिपोर्ट तैयार करने के लिए 15 दिन का अतिरिक्त समय चाहिए। दो नवंबर से अब तक एएसआई के अनुरोध पर अदालत की ओर से रिपोर्ट दाखिल करने के लिए चार बार अतिरिक्त समय दिया जा चुका है। ऐसे में सोमवार को यह देखना दिलचस्प होगा कि एएसआई की ओर से अदालत में रिपोर्ट दाखिल की जाएगी या एक बार फिर अतिरिक्त समय की मांग की जाएगी।
पक्षकार बनने की अर्जी पर सोमवार को आ सकता है आदेश
ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी के तहखाना प्रकरण में पक्षकार बनने के लिए दी गई अर्जी पर सोमवार को जिला जज की अदालत आदेश सुना सकती है। यह अर्जी प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग लॉर्ड विश्वेश्वरनाथ के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी की ओर से दी गई है। व्यासजी के तहखाना से संबंधित वाद शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास ने दाखिल किया है। उन्होंने आशंका जताई है कि व्यासजी के तहखाना पर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी कब्जा कर सकती है। उन्होंने अदालत से मांग की है कि व्यासजी का तहखाना जिलाधिकारी को सुपुर्द कर दिया जाए।