नई दिल्ली। लश्कर-ए-तैयबा के चीफ हाफिज सईद का करीबी रिश्तेदार और पुलवामा समेत उरी आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड खान बाबा को पाकिस्तान में मार दिया गया। हबीबुल्लाह उर्फ भोला खान उर्फ खान बाबा की हत्या अज्ञात बंदूकधारी ने तब की जब वह कश्मीर में आतंक को फैलाने के लिए खैबर पख्तूनबा में भर्तियां कर रहा था। खैबर पख्तूनबा पुलिस ने इस आतंकी की मौत की पुष्टि की है। मारा गया आतंकी पाकिस्तान के पूर्व सांसद दाबर खान कुंडी का चचेरा भाई था। खान बाबा और हबीबुल्लाह उर्फ भोला खान की मौत के बाद लश्कर ए तैयबा के आतंकियों की मौत का सिलसिला बदस्तूर जारी है। इस आतंकी की हत्या के साथ ही पाकिस्तान में अब तक 23 आतंकियों की अज्ञात बंदूकधारियों ने हत्या कर दी।
जानकारी के मुताबिक खैबर पख्तूनबा के टांक जिले में आतंकी खान बाबा पिछले कुछ दिनों से कश्मीर घाटी में स्लीपर सेल को सक्रिय करने के लिए आतंकियों की भर्तियां कर रहा था। खुफिया सूत्रों से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि घाटी में लगातार कमजोर हो रहे लश्कर-ए-तैयबा जैसे तमाम आतंकियों और उनके संगठनों की कमजोर पकड़ के चलते ही वह स्लीपर सेल को एक्टिव करना चाहता था। इस सिलसिले में खैबर पख्तूनबा के टोंक जिले से 37 लोगों को भर्ती करने की जिम्मेदारी खान बाबा उर्फ भोला खान उर्फ हबीबुल्ला ने ली थी। बताया यही जा रहा है कि वह अब तक आठ लोगों को ट्रेनिंग देकर स्लीपर सेल के सक्रिय सदस्य के रूप में पीओके से लेकर घाटी में भेजने की फिराक में था। इसी आतंकी भर्ती प्रक्रिया के दौरान ही लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी की अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी।
केंद्रीय खुफिया एजेंसी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि मारा गया आतंकी लश्कर-ए-तैयबा के चीफ हाफिज सईद का करीबी रिश्तेदार भी था। इसके अलावा आतंकी खान बाबा उर्फ भोला खान उरी हमले की योजना बनाने के साथ-साथ उसको अंजाम देने के अंतिम चरण तक में उसका पूरा योगदान था। यही नहीं पुलवामा में हुए हमले के पीछे हाफिज सईद के साथ इस आतंकी की महत्वपूर्ण भूमिका थी। केंद्रीय खुफिया एजेंसी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि नगरोटा जम्मू मुठभेड़ में भी यह आतंकी शामिल था। इसके अलावा आतंकी हबीबुल्लाह कश्मीर घाटी में लगातार घुसपैठ कर माहौल खराब करने की कोशिश भी करता था। बड़े आतंकी हमले के पीछे यही आतंकियों की भर्तियां भी कर रहा था। खुफिया एजेंसी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि इस बार यह कश्मीर घाटी को अशांत करने के लिए खैबर पख्तूनबा से आतंकियों की भर्ती का अभियान चला रहा था।
मिली जानकारी के मुताबिक खान बाबा कुछ समय से घाटी में अपने आतंकी नेटवर्क को फिर से सक्रिय करने की फिराक में था। इसी दौरान उसने लश्कर तैयबा के चीफ हाफिज सईद की मंजूरी के बाद पाकिस्तान के अलग-अलग हिस्सों से आतंकियों के भर्ती अभियान की शुरुआत की थी। बताया यह भी जा रहा है कि वह अगले 3 महीने के भीतर चुने गए आतंकियों को आईएसआई और सेना के प्रशिक्षण केंद्र में भेजने वाला था। यहां से उन्हें हथियारों के साथ घाटी के भीतर घुसपैठ करने के अलावा पीओके के मुजफ्फराबाद में बैठकर आगे की रणनीतियों पर काम करना था।
रक्षा मामलों के जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान के भीतर अब तक 23 उन आतंकियों की हत्या हो चुकी है, जो लगातार भारत पर निशाना साधते रहे हैं। बाबा खान की हत्या से पहले ही 6 दिसंबर को पुलवामा और मुंबई अटैक के मास्टरमाइंड हंजला अदनान की भी गोली मार कर हत्या कर दी थी। अदनान भी पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर के चीफ हाफिज सईद का दाहिना हाथ था। इससे पहले पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड शाहिद लतीफ की भी अज्ञात हमलावरों ने ही गोली मार कर हत्या कर दी थी। इस तरीके की तकरीबन 23 हत्याएं पाकिस्तान में बीते कुछ वक्त में की जा चुकी है। रक्षा मामलों के विशेषज्ञों का कहना है कि यह हत्याएं पाकिस्तान की सेना और आईएसआई अपने मकसद के लिए लिहाज से करती हैं।
फिलहाल पाकिस्तान में लगातार अज्ञात हमलावरों का निशाना बन रहे आतंकियों के चलते आतंकी संगठनों भी खौफ और दहशत में हैं। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्र बताते हैं कि इस तरीके की हत्याओं के बाद रावलपिंडी में सेना के बड़े अधिकारियों के साथ कुछ आतंकियों की बैठक भी हुई है। लगातार इन आतंकियों के मारे जाने की न सिर्फ जानकारियां साझा की गई हैं, बल्कि उसे पर चिंता भी व्यक्त की गई है। मिली जानकारी के मुताबिक तीन दिसंबर को इसी तरीके की एक गुप्त बैठक कुछ अधिकारियों के साथ रावलपिंडी के सेना मुख्यालय में हुई थी। हालांकि उस बैठक के तीन दिन बाद ही लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी अदनान की गोली मार कर हत्या कर दी गई। इस हत्या के ठीक 12 दिन बाद पुलवामा और उरी के हमले में शामिल आतंकी खान बाबा की फिर एक अज्ञात हमलावर ने गोली मार कर हत्या कर दी।