नईदिल्ली : तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता महुआ मोइत्रा ने सरकारी आवास के आवंटन को रद्द करने के सरकार के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया. लोकसभा से निष्कासन के बाद टीएमसी की पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा को संपदा निदेशालय ने को 7 फरवरी तक अपना सरकारी आवास खाली करने का आदेश दिया था.
उनकी याचिका को मंगलवार (19 दिसंबर) को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जा सकता है. इस याचिका में सांसद ने आग्रह किया है कि संपदा निदेशालय के 11 दिसंबर के आदेश को रद्द कर दिया जाए या मोइत्रा को 2024 लोकसभा के नतीजे आने तक वैकल्पिक रूप से आवास पर कब्जा बनाए रखने की अनुमति दी जाए.
‘निष्कासन की वैधता सुप्रीम कोर्ट में लंबित’
हाई कोर्ट में दी गई अपनी याचिका में उन्होंने कहा कि संपदा निदेशालय का आदेश लोकसभा से उनके निष्कासन के बाद जारी किया गया है. मोइत्रा की याचिका में कहा गया है, ”आगामी आदेश समय से पहले दिया गया है, क्योंकि याचिकाकर्ता के निष्कासन की वैधता सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है.”
स्पेशल कोटे से मिला था आवास
इससे पहले लोकसभा आवास समिति के महुआ मोइत्रा को आवंटित सरकारी आवास खाली कराने के लिए शहरी विकास मंत्रालय को पत्र लिखने की खबरें सामने आई थीं. शहरी विकास मंत्रालय ने महुआ मोइत्रा को स्पेशल कोटे से आवास दिया था.
संसद ने निष्कासित हुईं टीएमसी सांसद
गौरतलब है कि महुआ मोइत्रा को अनैतिक आचरण का दोषी ठहराया गया था और 8 दिसंबर 2023 को कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से कथित तौर पर गिफ्ट लेने और उनके साथ संसद की वेबसाइट के लिए दी गई अपनी यूजर आईडी और पासवर्ड शेयर करने के लिए लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था.
टीएमसी नेता लोकसभा से अपने निष्कासन को पहले ही सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी हैं. मामले को 3 जनवरी 2024 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है.