नईदिल्ली : देश के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री करने को लेकर तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. इसको लेकर विवाद थमने की बजाय बढ़ता नजर आ रहा है. ऐसे में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी अपने सांसद के बचाव में आ गई हैं. ममता बनर्जी ने बुधवार (20 दिसंबर) को अपनी पार्टी के सांसद के मामले को ज्यादा तरजीह ना देते हुए कहा कि इसका मकसद अपमान करने का नहीं रहा.
मिमिक्री विवाद को लेकर विवादों में घिरे सांसद कल्याण बनर्जी ने यह भी कहा कि मेरा जगदीप धनखड़ को ठेस पहुंचाने या उनका अनादर करने का कभी कोई इरादा नहीं था. लेकिन उन्होंने मिमिक्री करने के लिए कोई माफी नहीं मांगी है. सभापति धनखड़ ने इस तरह के कृत्य को उपराष्ट्रपति पद, किसानों और अपने समुदाय का अपमान बताया है.
इस विवाद के बारे में पूछे जाने पर ममता बनर्जी ने कहा, हम सभी का सम्मान करते हैं. यह किसी का अनादर करने को लेकर नहीं था. इसे राजनीतिक और संयोगवश लिया जाना चाहिए. सांसद का बचाव करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि आप लोगों को इस बारे में पता नहीं चलता, अगर राहुल गांधी ने इसको रिकॉर्ड नहीं किया होता.
विवाद के चलते कल्याण बनर्जी का सूची से नाम हटाया
दरअसल, बुधवार को ममता बनर्जी राज्य के लिए लंबित केंद्रीय फंड को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने के लिए संसद पहुंचीं थीं. मिमिक्री विवाद के चलते कल्याण बनर्जी का नाम पीएम मोदी से ममता बनर्जी के साथ मिलने वाले नेताओं की सूची से हटा दिया गया. हालांकि, उनका नाम पीएम से मिलने वालों की लिस्ट में शामिल था.
‘संवैधानिक पदों का सम्मान करता हूं’
टीएमसी सांसद ने यह भी कहा कि मिमिक्री कोई अपराध नहीं है. बीजेपी उस खास मुद्दे को बदलने की कोशिश कर रही है जिसमें यह पूछा जा रहा है कि क्या विपक्षी सांसदों का निलंबन सही था. उन्होंने कहा कि मैं संवैधानिक पदों का सम्मान करता हूं.
‘जगदीप धनखड़ के साथ कुछ मुद्दों पर हो सकते हैं मतभेद’
टीएमसी सांसद ने यह भी कहा कि कुछ मुद्दों पर जगदीप धनखड़ के साथ उनके कुछ मतभेद हो सकते हैं लेकिन उनका उनके प्रति अनादर करने का कोई इरादा नहीं है. उन्होंने कहा कि धनखड़ उनके गृह राज्य पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे हैं.