छत्तीसगढ़

महिला पहलवान यौन शोषण मामला: अदालत आरोपी बृजभूषण के खिलाफ नए सिरे से सुनेगी दलीलें, चार जनवरी से होगी सुनवाई

नईदिल्ली : अदालत ने छह महिला पहलवानों द्वारा बृजभूषण सिंह के खिलाफ दायर यौन उत्पीड़न मामले में आरोप तय करने के मुद्दे पर चार जनवरी से नए सिरे से सुनवाई तय करने का निर्णय लिया है।

राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल के अलग अदालत में स्थानांतरित होने के कारण ऐसा निर्णय लिया गया है। अदालत ने कहा कि चूंकि आरोप तय करने पर दलीलें पूर्ववर्ती न्यायाधीश ने सुनी थीं, इसलिए उन्हें नए सिरे से सुनने की जरूरत है।

पूर्ववर्ती न्यायाधीश एसीएमएम हरजीत सिंह जसपाल पहले ही सभी संबंधित पक्षों की व्यापक दलीलें सुन चुके थे और आदेश सुरक्षित रखने से पहले मामला स्पष्टीकरण के चरण में था। इससे पहले महिला पहलवानों की और से पेश अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने अदालत को बताया था कि रेसलिंग फाउंडेशन ऑफ इंडिया (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख को पता था कि वह क्या कर रहे हैं और उनका इरादा पहलवानों की गरिमा को ठेस पहुंचाना था।

उन्होंने यह भी बताया था कि शरण सिंह के खिलाफ तीन तरह के सबूत हैं जो आरोप तय करने के लिए काफी हैं। इनमें आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत धारा 161 (पुलिस द्वारा गवाहों की जांच) और 164 (मजिस्ट्रेट द्वारा दर्ज किए गए बयान) के तहत एक लिखित शिकायत और दो दर्ज किए गए बयान शामिल हैं।

श्रीवास्तव ने कहा कि बृजभूषण सिंह के खिलाफ आरोप तय करना अदालत के अधिकार क्षेत्र में है। उन्होंने डब्ल्यूएफआई प्रमुख के वकील के उस तर्क का भी खंडन किया कि भारत के बाहर हुए मामलों के लिए सीआरपीसी की धारा 188 के तहत मंजूरी की आवश्यकता होती है।