नईदिल्ली : संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में दिल्ली पुलिस अब तक 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. इस मामले में अब दिल्ली पुलिस ने गुरुवार (21 दिसंबर) को कहा कि इनमें से 6 आरोपियों का साइकोएनालिसिस टेस्ट कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि डॉक्टर्स और मनोचिकित्सकों की एक टीम आरोपियों की मानसिक स्थिति जानने के लिए यह टेस्ट करेगी. सभी आरोपियों के ऊपर यूएपीए के तहत मामला दर्ज है.
आरोपियों का होगा साइकोएनालिसिस टेस्ट
रिपोर्ट के मुताबिक, एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “सभी आरोपियों के दिमाग से खेलकर उन्हें बहुत अच्छे से ट्रेंड किया गया है. कोई आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहा है. आरोपियों ने अभी तक अपने अपराध के लेकर उचित जानकारी नहीं दी है. साइकोएनालिसिस टेस्ट से हमें आरोपियों की मानसिक स्थिति का पता लगाने में मदद मिलेगी, क्योंकि वे नियमित रूप से अपने बयान बदल रहे हैं.”
आरोपियों के दोस्तों से हुई पूछताछ
दिल्ली पुलिस की स्पेशल ने इस मामले में किसी सरगना के होने की संभावना जताई है, जिसके तहत इन युवाओं को योजनाबद्ध तरीके से इस घटना को अंजाम देने के लिए जुटाया गया होगा. पुलिस ने आरोपियों के बैंकिंग ट्रांजेक्शन को भी खंगाला है. स्पेशल शेल की टीम ने आरोपियों की गतिविधियों, उनके व्यवहार और संपर्क को जानने के लिए उनके परिवार के सदस्यों और दोस्तों से भी पूछताछ की. पुलिस ने कहा कि आरोपी कई व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल थे.
अब तक मामले में सात आरोपियों की हो चुकी गिरफ्तारी
13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के आरोपी सागर शर्मा, मनोरंजन डी, नीलम, अमोल शिंदे, ललित झा, महेश कुमावत और मनोरंजन डी के दोस्त को बुधवार (20 दिसंबर) को गिरफ्तार किया.
ललित झा को बताया जा रहा पूरे प्रकरण का मास्टरमाइंड
ललित झा को इस पूरे प्रकरण का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है, जिसने संसद के बाहर नीलम और अमोल शिंदे की ओर से किए गए स्मोक स्टिक ब्लास्ट का वीडियो बनाया था और उसके बाद फरार हो गया. संसद के अंदर घुसने से पहले आरोपी ललित झा के यहां ठहरे थे और उसने सभी के फोन अपने पास रख लिए थे.