नई दिल्ली। संसद की सुरक्षा में सेंध मामले में गिरफ्तार किए सभी छह आरोपित सागर शर्मा, मनोरंजन गौड़, अमोल शिंदे, नीलम आजाद, ललित झा व महेश कुमावत से दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलीजेंस, आईबी व रॉ पिछले 11 दिनों से लगातार पूछताछ कर रही है।
इनसे अलग-अलग और साथ बैठाकर भी गहन पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश की जा रही कि संसद भवन के अंदर व बाहर कलर स्मोक क्रैकर चलाने व सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर कड़ा विरोध जमाने के पीछे इनका मकसद क्या था? इस घटना को अंजाम दिलाने के पीछे कहीं किसी राजनीतिक पार्टी अथवा अन्य संगठनों के हाथ तो नहीं है? हर संभावित पहलुओं पर गहन जांच की जा रही है। अबतक की जांच से किसी नतीजे पर न पहुंच पाने के कारण दिल्ली पुलिस सभी आरोपितों का साइको एनालिसिस जांच और नार्को एनालिसिस जांच कराने पर विचार कर रही है।
कोर्ट की अनुमति के बाद होगा नार्को
सूत्रों के मुताबिक पहले सभी आरोपितों का पुलिस रोहिणी स्थित फॉरेंसिक साइंस लैब में साइको एनालिसिस जांच करा सकती है। इसके लिए सभी की फीजिशियन डॉक्टर से स्वास्थ्य की जांच कराई गई है। इसके बाद अहमदाबाद में सभी का नार्को एनालिसिस जांच कराई जा सकती है। इसके लिए पहले कोर्ट ने अनुमति लेनी होगी। सभी आरोपितों की भी इस जांच के लिए सहमति लेगी। अगर आरोपित नार्को जांच के लिए तैयार नहीं होंगे तब यह जांच कराना मुश्किल हो सकता है।
महेश को 13 दिन की पुलिस रिमांड
शनिवार को छठे आरोपित महेश कुमावत के सात दिन का रिमांड खत्म हो जाने के बाद दोबारा कोर्ट में पेश कर 13 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड ले लिया गया। शुक्रवार को ललित झा का रिमांड खत्म हो जाने पर कोर्ट में पेश कर दोबारा 14 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड ले लिया गया। तीन दिन पहले बृहस्पतिवार को चार आरोपित सागर शर्मा, मनोरंजन गौड़, अमोल शिंदे व नीलम आजार को दोबारा पटियाल हाउस कोर्ट में पेश कर 15 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड लिया गया।
आरोपियों के करीबियों से पूछताछ
इन सभी को उनके पैतृक घर के अलावा जहां-जहां रहकर इन्होंने कोई काम किया है, वहां इनके सभी करीबियों से पूछताछ की जा रही है। जांच एजेंसियां इन सभी के करेक्टर के बारे में जानकारी प्राप्त कर रही है। 12 दिनों तक सभी छह आरोपितों से गहन पूछताछ के बाद पुलिस अब इन्हें आगामी पांच जनवरी को एस साथ कोर्ट में पेश करेगा। उसके बाद संभवत: इन्हें जेल भेज दिया जाएगा। जांच संबंधी तथ्यों को शुरू दिन से गोपनीय रखा जा रहा है। जांच संबंधी हर दिन की प्रगति रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी जा रही है।