छत्तीसगढ़

मैंने घोषणा कर दी है लेकिन…, संन्यास वापस लेने के फैसले पर क्या बोलीं साक्षी मलिक?, वीडियो

नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती संघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह पर भारत सरकार ने रविवार को कार्रवाई की। खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ को रद्द कर दिया है। संजय सिंह के अध्यक्ष चुने जाने पर साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया, वीरेंद्र सिंह (गूंगा पहलवान) जैसे खिलाड़ियों ने आपत्ति जाहिर की थी। संजय सिंह के निलंबन पर साक्षी मलिक की प्रतिक्रिया सामने आई है।

यह बेटियों-बहनों की लड़ाई है: साक्षी मलिक

साक्षी मलिक ने रविवार को कहा,”यह पहलवानों की बेहतरी के लिए हुआ है। हम तो कह रहे थे कि यह बेटियों-बहनों की लड़ाई है।  यह तो पहला कदम है। हम चाहते हैं कि भारतीय कुश्ती संघ की अध्यक्ष एक महिला बने।”

मैं पिछले दो दिनों से सो नहीं पाई। जब से लेटर निकला है कि नंदी नगर कॉम्पीटिशन कराया जाएगा। मुझे वहीं बातें याद आती है। दोबारा से वहीं नंदी नगर में कॉम्पिटिशन और लखनऊ में कैंप।

मैं चाहती हूं कि लड़कियों को न्याय मिले: साक्षी मलिक

मैं उन बच्चियों के लिए दुखी हूं। मेरे पास अभी यह जानकारी नहीं है कि सिर्फ संजय सिंह को ही रद्द किया गया है या पूरी फेडरेशन ही रद्द कर दी गई। हमारी लड़ाई सिर्फ एक आदमी से थी। मेरी लड़ाई फेडरेशन में मौजूद लड़कियों के लिए थी। मैं चाहती हूं कि भारतीय कुश्ती संघ की लड़कियों के साथ न्याय हो।

संन्यास वापसी को लेकर क्या बोलीं साक्षी मलिक?

जब साक्षी मलिक से पूछा गया कि संजय सिंह खेल मंत्रालय के फैसले को कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं तो साक्षी ने कहा,”देखा अभी मैंने कुछ नहीं देखा। आगे की प्रतिक्रिया मैं टीम के साथ बैठक करने के बाद दूंगी। संन्यास की वापसी पर साक्षी मलिक ने कहा,”बैठक के बाद जो निर्णय बनेगी उसके बाद इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दूंगी।

खेल मंत्रालय ने अच्छा संदेश दिया: साक्षी के पिता

बता दें कि कुश्ती संघ की नई कार्यकारिणी को निलंबित करने से पहलवान साक्षी मलिक के स्वजन खुश हैं। खेल मंत्रालय के निर्णय का साक्षी के पिता सुखबीर मलिक ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा,”खेल मंत्रालय ने अच्छा संदेश दिया है। हालांकि, मां सुदेश का कहना है कि बेटी साक्षी को तभी मनाएंगे जब आगे की पूरी सकारात्मक तस्वीर साफ होगी। क्योंकि अभी केवल संघ को निलंबित किया है।”

साक्षी की मां सुदेश ने यह भी बताया कि साक्षी ने कुश्ती से सन्यास का निर्णय लिया। इसलिए देशभर के खिलाड़ियों में रोष पनप रहा था। बजरंग पूनिया ने पदमश्री लौटाने का निर्णय लिया था, जबकि अन्य पहलवान भी समर्थन में आ चुके थे।