छत्तीसगढ़

कर्नाटक के मंत्री के बिगड़े बोल, बोले- किसान चाहते हैं बार-बार सूखा पड़े ताकि कर्ज माफ हो

बेंगलुरु। कर्नाटक के चीनी और कृषि विपणन मंत्री शिवानंद पाटिल ने अपने विवादित बयान में कहा कि किसानों की इच्छा है कि राज्य में बार-बार सूखा आए, ताकि उनकी कर्ज माफी हो जाए। सोमवार को विपक्षी भाजपा ने इसे किसान समुदाय के लिए अपमान करार देते हुए कहा कि उन्हें मंत्रालय से हटाना चाहते हैं।

बेलगावी में रविवार को एक कार्यक्रम में पाटिल ने कहा, ‘कृष्णा नदी का पानी मुफ्त है, करंट भी मुफ्त है। मुख्यमंत्री बीज और खाद भी देते हैं। किसान फिर भी यही चाहेंगे कि बार-बार सूखा पड़े, क्योंकि उनका कर्ज माफ कर दिया जाएगा। लेकिन आप लोगों को इस तरह की इच्छा नहीं रखनी चाहिए। अगर आप ऐसी इच्छा नहीं भी करेंगे तो भी तीन-चार सालों में एक बार सूखा पड़ ही जाएगा।’

कुछ मुख्यमंत्रियों ने अपने आप ही कर्ज माफ कर दिए

इस बात को ध्यान में रखते हुए कि कर्नाटक अब तक के सबसे बड़े सूखे में से एक का सामना कर रहा है और मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने पहले ही मध्यम अवधि के कर्ज के ब्याज को हटा दिया है, मंत्री शिवानंद पाटिल ने कहा कि कुछ मुख्यमंत्रियों ने अपने आप ही कर्ज माफ कर दिए हैं। मुझे यह बताने की जरूरत नहीं कि सिद्दरमैया, कुमारस्वामी या येदियुरप्पा (बतौर सीएम) ने पहले कभी कर्ज माफ किया है या नहीं।

‘किसान जब भी मुश्किल में होंगे सरकार बचाव करेगी’

शिवानंद पाटिल ने आगे कहा, किसान जब भी मुश्किल में होंगे सरकार उनका बचाव करेगी, लेकिन ऐसा हमेशा कर पाना मुश्किल है। उल्लेखनीय है कि पाटिल ने ही विगत सितंबर में विवादित बयान दिया था कि किसानों की आत्महत्या के मामले तभी से बढ़ गए जब से मृतकों के रिश्तेदारों का मुआवजा दो लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया है।

भाजपा बयान की कड़ी निंदा की

कर्नाटक सरकार के मंत्री पाटिल के इस बयान को गैर जिम्मेदाराना बताते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर कड़ा प्रहार किया। भाजपा नेता ने संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस और उसकी सरकार का किसानों के खिलाफ रुख बेहद खराब है। वह किसान जो इस देश का पेट भरते हैं उनके खिलाफ ऐसा रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और भाजपा इसकी कड़ी निंदा करती है।

उन्होंने पूर्व किसानों पर किए गए पाटिल के अपमानजनक बयानों का जिक्र करते हुए कहा कि शिवानंद पाटिल ने एक बार फिर किसानों का अपमान किया है। मैं मुख्यमंत्री से आग्रह करता हूं कि वह तत्काल पाटिल को मंत्री पद से हटा दें।