छत्तीसगढ़

Deepfake Advisory: सरकार ने डीपफेक की बढ़ती चिंताओं के बीच जारी की एडवाइजरी, सोशल मीडिया कंपनियों से ये कहा

नईदिल्ली : आईटी नियमों के तहत अनुमति नहीं दी गई सामग्री को उपयोगकर्ताओं को स्पष्ट रूप से सूचित किया जाना चाहिए। आईटी मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को इससे जुड़े निर्देश दिए हैं। सरकार ने डीपफेक को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच सभी सोशल मीडिया मंचों को आईटी नियमों का पालन करने की सलाह जारी की है।

सरकार की ओर से यह एडवाइजरी आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर की ओर से मध्यस्थों के साथ की गई चर्चा के बाद जारी की गई है। एडवाइजरी के अनुसार, “आईटी नियमों के तहत अनुमति नहीं दी गई सामग्री, विशेष रूप से नियम 3 (1) (बी) के तहत सूचीबद्ध सामग्री को उपयोगकर्ताओं को स्पष्ट रूप से और सटीक भाषा में सूचित किया जाना चाहिए।

एडवाइजरी में कही गई यह बात

एडवाइजरी में इस बात पर जोर दिया गया है कि डिजिटल मध्यस्थों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उपयोगकर्ताओं को आईपीसी और आईटी अधिनियम 2000 सहित दंडात्मक प्रावधानों के बारे में सूचित किया जाए। इसके अलावा, एडवाइजरी में कहा गया है कि सेवा की शर्तों और उपयोगकर्ता समझौतों को स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि मध्यवर्ती या प्लेटफ़ॉर्म प्रासंगिक भारतीय कानूनों के तहत कानून प्रवर्तन एजेंसियों को कानूनी उल्लंघन की रिपोर्ट करने के लिए बाध्य हैं।

एडवाइजरी में कहा गया है, “आईटी नियमों के ड्यू डिलिजेंस सेक्शन के तहत नियम 3(1)(बी) के तहत इन प्लेटफॉर्मों को अपने नियमों, नियमनों, गोपनीयता नीति और उपयोगकर्ता समझौते के बारे में उपयोगकर्ता की पसंदीदा भाषा में बताना अनिवार्य है।”

परामर्श के अनुसार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आईटी नियमों के तहत जारी दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित कराने के लिए बाध्य हैं। आईटी मंत्रालय के मुताबिक सभी प्लेटफॉर्म को 11 सूचीबद्ध नुकसानों और प्रतिबंधित सामग्री के बारे में स्पष्ट जानकारी देनी ही होगी। किसी भी जानकारी को होस्ट, प्रदर्शित, अपलोड या संशोधित करने पर एडवाइजरी के आलोक में काम करना होगा। नियम प्रकाशन, प्रसारण, संग्रह, अपडेट या शेयर करने के मामले में भी लागू होंगे।

डीपफेक तकनीक क्या है?
बता दें कि डीपफेक तकनीक से फोटो वीडियो से छेड़छाड़ की जाती है। इसे सिंथेटिक या डॉक्टर्ड फोटो-वीडियो (मीडिया) कहा जाता है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग करके गलत तरीके से पेश किया जाता है। प्रतिरूपण (impersonate) करने के लिए डिजिटल तकनीक की मदद से दुर्भावनापूर्ण हेरफेर किए जाते हैं।

बीते दिनों प्रधानमंत्री मोदी की एक वीडियो भी वायरल हुई थी। हाल ही में, प्रमुख अभिनेताओं की कई ‘डीपफेक’ वीडियो भी वायरल हो चुकी है। फोटो-वीडियो छेड़छाड़ के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रौद्योगिकी और उपकरणों के दुरुपयोग पर चिंता जताई जा रही है।